Rourkela News: सुंदरगढ़ जिले की छह दशक पुरानी महत्वाकांक्षी तालचेर-बिमलगढ़ रेलपथ परियोजना का काम तालचेर की ओर से 35 किलो मीटर तक पूरा हो चुका है. लेकिन करीब 150 किलोमीटर लंबी इस परियोजना के लिए सुंदरगढ़ जिले के बिमलगढ़ की ओर से काम नहीं हो पा रहा था. जिससे परियोजना में विलंब होने की आशंका जतायी जा रही थी. लेकिन अब इस रेलपथ पर बिमलगढ़ की ओर से काम शुरू करने के लिए भुवनेश्वर की एक ठेका कंपनी मेसर्स रॉयल-शिवम जेवी रसूलगढ़ को कार्यादेश मिला है. 33 किमी लंबे बिमलगढ़-महुलडीहा रेलपथ का काम शुरू करने के लिए ईस्ट कोस्ट रेलवे की ओर से 26 नवंबर को कार्यादेश जारी कर दिया गया है. 411 करोड़ रुपये की लागत से होनेवाले इस काम को 18 महीनों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
पाराबिल-खमार, खमार-श्रीरामपुर व श्रीरामपुर-पाल्लहड़ा तक रेल पथ निर्माण कार्य प्रगति पर
इसके अलावा इस रेलपथ परियोजना में तालचेर की ओर से काम शुरू होने के बाद तालचेर से सोनाखनि, सोनाखनि से सामल, सामल से पाराबिल तक करीब 35 किलोमीटर का काम पूरा हो चुका है. वहीं पाराबिल-खमार, खमार-श्रीरामपुर व श्रीरामपुर-पाल्लहड़ा तक रेल पथ निर्माण कार्य प्रगति पर है. इसके साथ ही इस रेलपथ के लिए बिमलगढ़ की ओर से भी कार्यादेश जारी होने के बाद इसके निर्माण में तेजी आने की संभावना है. वहीं महुलडीही से पाल्लहड़ा तक जमीन अधिग्रहण का काम 15 दिसंबर तक पूरा होने के बाद वहां पर जनवरी, 2025 में कार्यादेश जारी होने की संभावना है. इधर, तालचेर से पाराबिल तक रेलपथ तैयार होने के बाद पुरी, कटक व भुवनेश्वर से आनेवाली ट्रेनों को भी पाराबिल तक चलाने की मांग हाे रही है, ताकि इनका रखरखाव अच्छी तरह से हो सके.
देवगढ़ में भूमि अधिग्रहण 15 दिसंबर तक पूरा होगा
सामाजिक कार्यकर्ता व सचेतन नागरिक मंच, राउरकेला के अध्यक्ष विमल बिसी ने बताया कि मेसर्स रॉयल-शिवम जेवी रसूलगढ़ भुवनेश्वर बिमलगढ़-महुलडीहा रेलपथ का कार्यादेश दिया गया है. इसकी लागत 411 करोड़ रुपये है. बिमलगढ़-महुलडीहा तक लगभग 33 किलोमीटर रेलपथ का काम पूरा होने की अवधि 18 महीनों की है. देवगढ़ जिलापाल के अनुसार देवगढ़ जिले से महुलडीही-पाल्लहड़ा तक लगभग 31 किलोमीटर भूमि अधिग्रहण 15 दिसंबर तक पूरा हो जायेगा. जिसके बाद निविदा जारी की जायेगी.
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