बिशुनपुर (गुमला).
गुमला प्रशासन ने बॉक्साइट के अवैध उत्खनन को लेकर बड़ी कार्रवाई की है. जहां-जहां बॉक्साइट का अवैध खनन चल रहा है. प्रशासन ने उन गांवों में पहुंच कर जांच की और अवैध उत्खनन कार्य को बंद करा दिया है. साथ ही जिन बॉक्साइट माफियाओं द्वारा अवैध धंधा किया जा रहा है. प्रशासन उनलोगों की सूची तैयार करने में लग गया है, जिससे प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की जा सके. प्रशासन की इस कार्रवाई के बाद बॉक्साइट के अवैध धंधा में शामिल माफियाओं में हड़कंप मच गया है. बिशुनपुर प्रखंड के खनन क्षेत्रों में लगभग 30 एकड़ भूमि पर अवैध खनन का कार्य चल रहा था. प्रशासन ने अवैध खनन पर रोक लगाते हुए खनन से जुड़े लोगों पर कार्रवाई शुरू कर दी है. उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी के निर्देशानुसार गुमला व लोहरदगा जिला टास्क फोर्स व वन विभाग गुमला की टीम ने बिशुनपुर प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों में अवैध खनन के खिलाफ छापेमारी अभियान चलाया. कार्रवाई में वन प्रमंडल पदाधिकारी गुमला अहमद बेलाल अनवर की अध्यक्षता में अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी चैनपुर, अनुमंडल पदाधिकारी गुमला, जिला खनन पदाधिकारी गुमला और अंचल अधिकारी घाघरा समेत कई अधिकारी शामिल थे. सुबह सात बजे से शुरू औचक छापेमारी अभियान के दौरान कई स्थानों पर अवैध खनन गतिविधियां उजागर हुई. इधर, डीसी कर्ण सत्यार्थी ने कहा है कि खनन क्षेत्रों में अनियमितताओं के आधार पर संबंधित खनन पट्टों की समीक्षा और रद्दी करण की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. अवैध खनन में संभावित संलिप्तता की जांच के लिए विस्तृत पड़ताल की जायेगी. खान व खनिज विकास एवं विनियमन अधिनियम, 1957 की धारा 21(6) के तहत मामला दर्ज किया गया है. साथ ही क्षेत्र की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए छापेमारी के दौरान 40 पुलिस कर्मियों और छह अमीन की तैनाती की गयी है.इन गांवों में चल रहा अवैध उत्खनन :
जांच टीम ने बताया कि बिशुनपुर व अमतीपानी क्षेत्र में जांच के दौरान पाया गया कि क्षेत्र में पट्टा क्षेत्र से बाहर अवैध खनन गतिविधियां की जा रही हैं. ऐसे स्थानों पर लगभग 20 एकड़ जमीन पर खनिज उत्खनन से जुड़ी अनियमितताओं के प्रमाण मिले, जो खान व खनिज विकास एवं विनियमन अधिनियम 1957 का उल्लंघन है. बहरागड़ा व राम झरिया क्षेत्र में वन भूमि समेत अन्य क्षेत्रों में अवैध उत्खनन के स्पष्ट प्रमाण पाये गये. साथ ही बाउंड्री पिलर गायब व क्षतिग्रस्त पाये गये और कुछ स्थानों पर ब्लास्टिंग के संकेत मिले. इस प्रकार पिरहापाट मोड़ क्षेत्र में लगभग 30 एकड़ भूमि पर अवैध बॉक्साइट खनन की गतिविधियां पायी गयी. यहां ब्लास्टिंग के प्रमाण भी दर्ज किये गये हैं. जांच में स्पष्ट पाया गया कि इन अवैध गतिविधियों से सरकारी राजस्व और राष्ट्रीय संपत्ति को नुकसान हो रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है