हजारीबाग रेंज के डीआइजी सुनील भास्कर गुरुवार को गिरिडीह परिसदन पहुंचे. यहां डीआइजी को पुलिस कर्मियों ने सलामी दी. मौके पर गिरिडीह के एसपी डॉ विमल कुमार भी मौजूद थे. इसके बाद डीआइजी अग्नि शमन कार्यालय का निरीक्षण किया. डीआइजी और एसपी ने वहां खड़ी अग्निशमन की गाड़ियों, आग लगने पर त्वरित राहत के लिए ठोस उपाय और उपकरण की जानकारी ली. गाड़ियों की स्थिति देखने के बाद डीआइजी ने एसपी को कई निर्देश दिये. इसके बाद डीआइजी सिविल कोर्ट पहुंचे. उन्होंने सबसे पहले गेट नंबर एक का जायजा लिया, जहां से न्यायिक अधिकारियों का आना जाना होता है. सीसीटीवी कैमरे को देखा और मेजर सन्नी कुमार से जानकारी ली. सुरक्षा को लेकर कई जानकारी का अभाव भी दिखा. इसके बाद डीआइजी व्यवहार न्यायालय के गेट नंबर 2 में गये, तो गेट नंबर दो में एक महिला सिपाही को देखने पर मेजर से जानकारी प्राप्त की. मेजर ने बताया कि इस गेट में महिला जवान ही मेटेल डिटेक्टर से करती है. महिला और पुरुष की जांच महिला सिपाही ही करती है. डीआइजी ने सिपाही को स्पेशल ब्रांच से ट्रेनिंग मिलने की जानकारी मांगी, तो महिला जवान ने ट्रेनिंग नहीं मिलने की बात कही. इसपर डीआइजी ने नाराजगी जताई और व्यवस्था में सुधार का निर्देश दिया. तीसरे गेट पर सुरक्षा व्यवस्था में कमी दिखी. डीआईजी ने मौके पर ही सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त करने की बात. डीआइजी ने कोर्ट हाजत का भी हाल देखा तो हाजत का हाल देखा, तो काफी नाराज हुए. उन्होंने थानों से आने वाली केस डायरी और चार्जशीट की भी जानकारी ली.
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