साहिबगंज. साहिबगंज जिले में पिछले डेढ़ सालों में 221 बाल विवाहों को रोकने में गैर-सरकारी संगठन मंथन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है. जिला समन्वयक अमन कुमार वर्मा ने बताया कि यह अभियान बाल विवाह के खात्मे की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा. हाल ही में आयोजित रैली में बाल विवाह पीड़िताओं, सरकारी अधिकारियों, पंचायत प्रतिनिधियों, शिक्षकों और स्थानीय लोगों ने बाल विवाह के खिलाफ शपथ ली. इस अभियान को विवाह से जुड़े सभी हितधारकों जैसे पुरोहित, मौलवी, हलवाई, बैंड-बाजा कर्मचारी, और प्रिंटिंग प्रेस मालिकों का भी समर्थन मिला. इन सभी ने शपथ ली कि वे बाल विवाह में सहयोग नहीं करेंगे और इसकी जानकारी तुरंत प्रशासन को देंगे. मंथन, 250 से अधिक गैर-सरकारी संगठनों के गठबंधन ‘जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन’ (जेआरसी) का हिस्सा है, जो बाल अधिकारों की रक्षा के लिए काम करता है. भारत सरकार के ‘बाल विवाह मुक्त भारत’ अभियान के तहत मंथन ने 30,556 लोगों को जागरूक किया और उन्हें शपथ दिलायी. मंथन के निदेशक विपलब महतो ने कहा कि यह अभियान विकसित भारत के सपने को साकार करने की दिशा में एक निर्णायक कदम है. केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी द्वारा शुरू किये गये बाल विवाह मुक्त भारत अभियान का समर्थन करते हुए निदेशक विप्लब महतो ने कहा कि यह हमारे विकसित भारत के सपने को पूरा करने की दिशा में एक निर्णायक कदम है. एक बाल विवाह पीड़िता ने भी इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि बाल विवाह का नकारात्मक प्रभाव न केवल लड़कियों पर, बल्कि उनके परिवार और समुदाय पर भी पड़ता है.
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