कोलकाता
. भरतपुर से तृणमूल कांग्रेस के विधायक हुमायूं कबीर को पार्टी बड़बोलेपन को लेकर शोकॉज भेज चुकी है. अब विधानसभा में गुरुवार को उन्हें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की नाराजगी भी झेलनी पड़ी. विधानसभा में मुख्यमंत्री के कक्ष में जब कबीर मिलने के लिए गये, तो उन्हें देखते ही मुख्यमंत्री भड़क गयीं. उन्होंने कहा कि पहले शोकॉज का जवाब जल्द भेजें. उन्होंने कहा कि इतनी बात क्यों कर रहे हैं, ज्यादा मत बोलिये. जल्द शोकॉज का जवाब दें. इतना बोलने के लिए किसने कहा है. मुख्यमंत्री ने साफ किया कि विधायक के खिलाफ क्या कार्रवाई की जायेगी, यह खुद वह तय करेंगी. वहीं, सरकार ने विधायक की सुरक्षा में भी कटौती कर दी है. मुख्यमंत्री ने नवनिर्वाचित विधायकों से भी मुलाकात की. कार्यकारिणी के सदस्यों से भी मिल कर बातचीत की. बाद में परिषदीय मामलों के मंत्री शोभनदेब चट्टोपाध्याय अपने साथ हुमायूं कबीर को लेकर मुख्यमंत्री के कक्ष में गये. इसके बाद ही मुख्यमंत्री की नाराजगी कबीर को झेलनी पड़ी. बता दें कि हुमायूं कबीर की सुरक्षा में दो सशस्त्र कांस्टेबल रहते हैं. एक एस्कॉर्ट वाहन भी उन्हें मुहैया कराया गया था. एस्कॉर्ट में एसआइ या एएसआइ पद के अधिकारी व दो कांस्टेबल रहते हैं.पार्टी विरोधी बात करने के कारण एस्कॉर्ट सुरक्षा हटा ली गयी है. इस बारे में पूछे जाने पर कबीर ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया.
पिछले कुछ दिनों से वह अभिषेक बनर्जी को फुलटाइम पुलिस मंत्री बनाने की मांग उठा रहे थे. यहां तक कि मेयर व मंत्री फिरहाद हकीम को भी निशाना बना रहे थे. तृणमूल की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद भी वह विधानसभा के बाहर अभिषेक के पक्ष में बैटिंग करते हुए कई नेताओं को निशाने पर लिया था. बुधवार को पार्टी विरोधी कार्य के लिए उन्हें शोकॉज नोटिस भेजा गया था.ममता ने डेबरा के विधायक हुमायूं को दी चेतावनी
कोलकाता. वक्फ मुद्दे पर केंद्र सरकार का विरोध करने के लिए तृणमूल लोकसभा में कांग्रेस को भी साथ ले. विधानसभा में डेबरा के विधायक हुमायूं कबीर ने यह प्रस्ताव रखा. सदन में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के उपस्थित रहने के दौरान तृणमूल विधायक ने यह प्रस्ताव रखा. यह सुनते ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भड़क उठीं. सीएम ने हुमायूं कबीर को चेतावनी भी दी. ममता ने विधायक को चेतावनी देते हुए कहा : आज की चर्चा वक्फ पर नहीं है. हम किसी राजनीतिक दल पर अपने विचारों को नहीं थोप सकते. हर राजनीतिक दल की अलग-अलग सोच व विचारधारा होती है. उन्होंने कहा कि दिल्ली लोकसभा व राज्यसभा में हम वक्फ बिल के विरोध का नेतृत्व कर रहे हैं. प्रमुखता के साथ हम अपनी बातों को रख रहे हैं. बता दें कि वक्फ मुद्दे पर तृणमूल विधायक ने सदन में कहा था : मुझे लगता है कि तृणमूल को वक्फ विधेयक के विरोध में कांग्रेस के साथ सभी छोटे विपक्षी दलों को भी साथ लेना चाहिए. तभी मुख्यमंत्री तृणमूल विधायक को टोका. इस दिन मुख्यमंत्री ने वक्फ बिल का विरोध किया. ममता ने कहा : अगर केंद्र द्वारा लाया गया कानून लागू हो गया तो वक्फ व्यवस्था खत्म हो जायेगी. मुझे लगता है कि इस पर राज्य से चर्चा होनी चाहिए थी क्योंकि राज्य के पास भी वक्फ संपत्तियां हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है