Child Care: महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए सरकार शिक्षा, कौशल विकास और रोजगार मुहैया कराने के लिए कई स्तरों पर काम कर रही है. सरकार के प्रयासों का नतीजा है कि पहले के मुकाबले अब महिलाओं को रोजगार के अधिक अवसर मिल रहे हैं. देश में बढ़ते औद्योगीकरण और शहरीकरण के कारण गांव से शहरों की ओर पलायन बढ़ा है. पिछले कुछ सालों में तेजी से एकल परिवार बढ़े हैं. ऐसे में कामकाजी महिलाओं को बच्चों को पालने के लिए डे केयर सर्विस की जरूरत है. अब लोग गुणवत्ता वाले डे केयर की तलाश में रहते हैं. संयुक्त परिवार के दौर में बच्चों को पालना कठिन काम नहीं था. बच्चों के कारण कई महिलाओं को काम छोड़ना पड़ता है.
ऐसे में सरकार ने डे केयर सुविधा का दायरा बढ़ाने के लिए कदम उठाया. सरकार गुणवत्ता वाले डे केयर सुविधा मुहैया करा रहा है, ताकि संगठित और असंगठित क्षेत्र की कामकाजी महिलाओं को इसका लाभ मिल सके. केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के पालना योजना के तहत डे केयर सुविधा मुहैया कराया जा रहा है. डे केयर सुविधा से महिलाओं को एक बेहतर रोजगार का अवसर मिलेगा और इससे सतत विकास के लक्ष्य को हासिल करने में भी मदद मिलेगी. आम तौर पर बच्चों को पालने का काम घरेलू माना जाता है. डे केयर सुविधा को संगठित बनाने के महिलाओं को एक अच्छी नौकरी मिलेगी और उनका आर्थिक विकास होगा.
आंगनबाड़ी केंद्र के जरिये मिलेगी सुविधा
दुनिया में बच्चों की देखभाल के लिए आंगनबाड़ी केंद्र सबसे बड़ा है. यह केंद्र देश के हर कोने के बच्चों को जरूरी सुविधा मुहैया कराने का काम कर रहा है. अब मंत्रालय बच्चों के देखभाल को आंगनबाड़ी कम क्रेच के लिए विस्तार देने का निर्णय लिया है. इससे बच्चों को सुरक्षा और स्वच्छ माहौल में पूरे दिन डे केयर की सुविधा मिलेगी. इसका मकसद कार्यबल में महिलाओं की हिस्सेदारी को बढ़ाना है ताकि देश की आर्थिक विकास को गति मिल सके. यह सुविधा छह महीने से 6 साल के बच्चों तक मिलेगी.
साथ ही इस दौरान बच्चों को पौष्टिक आहार, समग्र विकास, टीकाकरण, स्वास्थ्य संबंधी देखभाल होगी. यह सुविधा हर तरह की महिलाओं को मिलेगी. डे केयर सुविधा मुहैया कराने के लिए कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से प्रस्ताव आए हैं. इसके क्रियान्वयन के लिए केंद्र सरकार की ओर से वित्तीय मदद मुहैया करायी जाती है. अब तक मंत्रालय ने 10609 प्रस्तावों को मंजूरी दी है. लोकसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री ने यह जानकारी दी.