सुपौल. अभियंत्रण महाविद्यालय सुपौल में स्टार्टअप सेल एवं इंस्टीटूशन्स इनोवेशन काउंसिल द्वारा ””उद्यमिता और नवाचार में कैरियर के अवसर”” विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यशाला का उद्देश्य छात्रों को उद्यमिता और नवाचार में कैरियर की संभावनाएं बनाने से संबंधित कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अपने कौशल सेट को व्यापक बनाने का मौका देना था. कार्यक्रम का उद्घाटन प्राचार्य डॉ अच्युतानंद मिश्रा ने किया. कार्यशाला के मुख्य वक्ता डॉ चंदन कुमार और स्टार्टअप कोऑर्डिनेटर प्रदीप कुमार थे. सत्र के दौरान उन्होंने इंजीनियरिंग छात्रों के उद्यमी बनने की आवश्यकता और महत्व को रेखांकित किया. उन्होंने विभिन्न व्यावसायिक अवसरों को सूचीबद्ध किया, जो छात्रों को स्टार्टअप के लिए उपलब्ध हैं. उन्होंने स्पष्ट किया कि व्यवसाय विकास के प्रमुख पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करके एक उद्यमी होने का क्या मतलब है, जैसे कि नवाचार और उद्यमिता के बीच संबंध, उद्यमियों के प्रकार, एक उद्यमी के कार्य, उद्यमिता में बाधाएं, एक उद्यमी के गुण, उद्यमिता के आंतरिक और बाहरी कारक आदि. विद्यार्थियों ने इस दौरान कई सवाल भी पूछे, जिनका जवाब वक्ताओं ने दिया. कार्यक्रम को सुचारु रूप से संचालन करने में छात्र प्रतिनिधि निशांत वर्मा, रोहित राज एवं आयुष राज की अहम भूमिका रही.
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