जिले के 60 शिक्षकों को न्यूनतम अर्हता नहीं होने पर स्पष्टीकरण पूछा है. डीपीओ (स्थापना) मिथिलेश कुमार ने 28 नवंबर को एक पत्र जारी करते हुए 60 शिक्षकों से स्पष्टीकरण पूछा है. ये सारे शिक्षक बिहार के बाहर के हैं और मधेपुरा के अलग-अलग प्रखंड में कार्यरत हैं.
स्पष्टीकरण को लेकर जारी पत्र में कहा गया है कि छह जुलाई और 12 अगस्त को अधोहस्ताक्षरी कार्यालय से पत्र जारी कर बीपीएससी टीआरई वन में नियुक्त शिक्षकों के सीटीईटी में प्राप्तांक के आधार पर न्यूनतम अर्हता की जांच के लिए संबंधित कागजात की मांग की गयी थी. शैक्षणिक-प्रशैक्षणिक योग्यता संबंधी प्रमाण-पत्रों की कोटिवार जांचोपरांत इन सभी की अर्हता निर्धारित मापदंड से कम पायी गयी है.
पत्र के अनुसार बीपीएससी विज्ञापन के आलोक में किसी भी प्रकार के आरक्षण का लाभ सिर्फ बिहार राज्य के निवासियों को ही दिया जाना है. बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा जारी दिशा निर्देश व विज्ञप्ति के आलोक में उच्च न्यायालय, पटना के निर्णय के उपरांत 15 मई को माध्यमिक शिक्षा निदेशक व चार नवंबर को प्राथमिक शिक्षा निदेशक के पत्र से स्पष्ट किया गया है कि बिहार राज्य के बाहर महिला अभ्यर्थियों को शिक्षक पात्रता परीक्षा में उत्तीर्णता के लिए पांच प्रतिशत का छूट देय नहीं होगा. ऐसे में इन सभी शिक्षकों से तीन दिनों के अंदर अपना साक्ष्य आधारित स्पष्टीकरण समर्पित करने को कहा गया है. साथ ही यह भी कहा गया है कि क्यों नहीं अहर्ता पूर्ण नहीं करने के फलस्वरूप उनके नियुक्ति पत्र को निरस्त करते हुए उनकी सेवा समाप्त कर दी जाय. समयावधि में जवाब प्राप्त नहीं होने की स्थिति में यह माना जायेगा कि इस मामले में आपको कुछ नहीं कहना है. इस तरह विभागीय नियमानुसार सेवा मुक्त कर दी जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है