बंगाल में 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चे से नहीं करा सकते मजदूरी
कोलकाता. श्रम मंत्री मलय घटक ने शुक्रवार को विधानसभा में बताया कि राज्य सरकार के लगातार प्रयासों और जागरूकता अभियान के चलते राज्य में बाल श्रमिकों की संख्या घट कर शून्य पर आ गयी है. यानी राज्य में अब एक भी बाल श्रमिक नहीं है. मंत्री ने कहा कि राज्य में 2020 से बाल श्रमिकों की संख्या लगातार कम हुई है. 2020 में 14 बाल श्रमिक मिले थे. 2021 में यह संख्या घट कर छह हो गयी. इसके बदा 2022 में तीन और 2023 में चार बार श्रमिक मिले थे. इस वर्ष अक्टूबर तक राज्य में एक भी बाल श्रमिक नहीं है. इसका श्रेय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के प्रयासों को जाता है.श्रम मंत्री ने कहा कि राज्य में 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से मजदूरी नहीं करायी जा सकती है. राज्य प्रत्येक वर्ष 12 जून को बाल श्रम निषेध दिवस के रूप में मनाता है. बाल श्रम के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए विभाग समस्त ट्रेड यूनियनों के साथ मिल कर साल भर जागरूकता अभियान चलाता है. जागरूकता अभियान पर राज्य सरकार की ओर से अब तक चार लाख 95 हजार रुपये खर्च किये गये हैं. राज्य सरकार द्वारा विभिन्न सामाजिक योजनाएं चलायी जा रही हैं, जिनसे लोगों को संबल मिल रहा है. इस वजह से भी राज्य में बाल श्रमिकों की संख्या कम हुई है.
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