सिल्ली.
साहेबबांध में इन दिनों कचरा फेंका जाने लगा है. तालाब के आसपास के इलाके के लिए कचरा प्रबंधन का एक मात्र जगह बन गया है. सिल्ली बाजार का प्रतिदिन की गंदगी हो या सिल्ली हाट बगान में लगनेवाले दर्जनों मांस-मछली की दुकानों के अवशेष हो, कचरे इसी तालाब में नियमित रूप से डाले जा रहे हैं. इतना ही नहीं हाट बगान व सिल्ली मेन रोड के अधिकतर होटल, दुकानदार समेत निजी स्तर पर घरों के कचरे भी रात के अंधेरे में डाल दिये जाते है. ज्ञात हो कि सिल्ली का साहेबबांध प्राचीन तालाबों में से एक है. यह तालाब लोगों की आस्था से जुड़ा हुआ है. तालाब के मेड़ पर मां बेलीया का पूजा स्थल है. साथ ही छठ पर्व से लेकर अन्य पर्व त्योहार यहां पर आयोजित किये जाते हैं. दुर्गा पूजा, काली पुजा, सरस्वती पूजा सहित अन्य पूजा में देवी-देवताओं के कलश स्थापन व प्रतिमा का विसर्जन इसी तालाब में किया जाता है. लेकिन स्थानीय पंचायत प्रतिनिधि व प्रशासन की उदासीनता के कारण आस्था के इस तालाब में गंदगी और कचरे का ढेर लगाया जा रहा है. जिससे तालाब का पानी भी प्रदूषित हो रहा है. वहीं इससे संक्रमण फैलने की आशंका है. स्थानीय लोगों ने प्रशासन से इस पर उचित पहल करने की मांग की है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है