ठाकुरगंगटी प्रखंड क्षेत्र के अमरपुर पंचायत के झुरकुसिया गांव में इन दिनों पेयजल की किल्लत होने लगी है. यह गांव कुर्मी बहुल गांव है, जो वर्षों से एक चापाकल पर निर्भर है. एक चापाकल रहने के कारण लोगों की भीड़ सुबह से लेकर शाम तक लगी रहती है. घर के लोग घरेलू कामकाज के साथ-साथ इसी से अन्य उपयोग में लाने का काम किया करते हैं. बताया जाता है कि 30 घर में से 200 की आबादी इसी चापाकल से अपनी प्यास बुझाती है. ग्रामीण बृजमोहन महतो, एकलव्य कुमार, देवनंदन महतो, सूरज महतो, रितेंदर महतो, जीतन महतो ने बताया कि गांव में पानी की किल्लत एक चापाकल रहने के कारण समस्या प्रारंभ हो जाती है, क्योंकि लीकेज है. अन्य दो चापाकल तो है, पर पानी बहुत कम निकलता है. इसी पर गांव के लोग आश्रित हैं. उसका भी पाइप लीकेज है, जिस वजह से घंटों चलाने के बाद ही पानी निकलता है. बताया कि लंबे अरसे से ग्रामीणों की मांग जलमीनार पर टिकी हुई है. इसके बावजूद भी कोई पहल नहीं की जा रही है.
आबादी बढ़ती रही, लेकिन मांग पर नहीं दिया गया ध्यान
दिन-प्रतिदिन गांव की आबादी बढ़ती जा रही है. लोग पेयजल पर ही प्रायः आश्रित रहते हैं, परंतु ग्रामीणों की मांग सिर्फ मांग बनकर रह गयी है. इसकी सुधि ना तो पंचायत प्रतिनिधि ने ली और ना ही संबंधित विभाग की ओर से लिया जा रहा है. ग्रामीणों ने बताया कि अगर जलमीनार लगा दिया जाता है, तो शायद गांव की समस्या दूर हो जाती. खासकर पानी की समस्या तो घर की महिलाओं को ही झेलनी पड़ती है, जिन्हें की सुबह से लेकर शाम तक घर के कामकाज को लेकर पानी का जुगाड़ करना पड़ता है. ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से उक्त गांव में जलमीनार लगाने की मांग की है, ताकि गांव के लोगों को राहत मिल सके.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है