चांडिल. ठंड आते ही चांडिल डैम में सैलानियों का आना शुरू हो गया है. टाटा-रांची मुख्य मार्ग से करीब सात किमी दूर स्थित है चांडिल डैम. प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर सरायकेला-खरसावां जिले के चांडिल डैम में इन दिनों रोजाना झारखंड के साथ बंगाल व ओडिशा के पर्यटक पहुंचने लगे हैं. रोजाना 150-200 सैलानी रोज यहां पहुंच रहे हैं. चांडिल डैम में नौका विहार का आनंद ले रहे हैं. रविवार को सैलानियों की संख्या दोगुनी हो जाती है. रविवार को एक हजार से अधिक सैलानी यहां पहुंचते हैं. चांडिल डैम के चारों ओर फैली हरियाली, प्राकृतिक छटा व स्वच्छ जलधारा सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करती है. चांडिल डैम पहुंचे पर्यटकों को यहां की हसीन वादियां, डैम का नीला पानी, प्रकृति की गोद में बसा नौका विहार व सात समुंदर से पहुंचे चांडिल डैम जलाशय के अंदर साइबेरियन पक्षी खूब लुभाते हैं. इस कारण पर्यटक हर साल चांडिल डैम आने को बेताब रहते हैं.
सर्दी में दोगुनी हो जाती है सैलानियों की भीड़
यूं तो चांडिल डैम में सालों भर सैलानी आते हैं, पर सर्दी में सैलानियों की संख्या में दोगुनी हो जाती है. दिसंबर व जनवरी में यहां पहुंचने वाले सैलानियों की संख्या काफी अधिक हो जाती है. नये वर्ष के स्वागत में जश्न मनाने के लिए चांडिल डैम सैलानियों की पहली पसंद है. सर्दी में सैलानियों को अलग-अलग स्थानों पर पिकनिक करते देखा जा सकता है.
नौका विहार बना पर्यटकों का पसंदीदा स्पॉट
चांडिल डैम में नौका विहार पर्यटकों का पसंदीदा स्पॉट है. बोटिंग के लिए प्रति व्यक्ति 150 रुपये चुकानी पड़ती है. चांडिल बांध विस्थापित मत्स्यजीवी स्वावलंबी सहकारी समिति लिमिटेड ने सरकार से यहां पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बोट व स्कूटर उपलब्ध कराने की मांग की है. पर्यटक चांडिल डैम के नीला जल के साथ मनोरम दृश्य देखने के लिए पहुंच रहे हैं. चांडिल डैम में पर्यटकों को बोटिंग कराने के लिए 4 सीटर से लेकर 10 सीट की क्षमता वाले 10 बोट हैं.स्वदेश दर्शन योजना में शामिल है चांडिल डैम
चांडिल डैम राज्य के पर्यटन स्थल के रूप में नामित है. भारत सरकार के पर्यटन विभाग की ओर से भी स्वदेश दर्शन योजना के तहत इसे शामिल किया गया है. चांडिल डैम के विकास के लिए जल्द ही कई और योजनाओं पर कार्य होगा. इसके लिए भी विभाग की ओर से डीपीआर तैयार की जा रही है. चांडिल बांध स्थल को आधुनिक सुविधायुक्त पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की स्थिति में निश्चित रूप से यहां सैलानियों की संख्या में और अधिक बढ़ोत्तरी होगी.
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