रांची. शब्दकार समूह की ओर से शुक्रवार को ऑनलाइन काव्य गोष्ठी का आयोजन हुआ. कवियों ने मौसम, प्रेम, जीवन समेत अन्य विषयों पर रचनाएं पेश की. साथ ही वक्ताओं ने काव्य पाठ और रचना प्रक्रिया विषय पर महत्वपूर्ण सुझाव दिये. अनीता रश्मि ने मां केवल मां नहीं रहती… कभी वह बहती नदी, तो कभी सागर में बदल जाती है… का पाठ किया.
याद हो आया गुजरा जमाना…
अनुपम श्री ने शीत ऋतु का आया महीना… याद हो आया गुजरा जमाना…, संजय कुमार ने गजल : तुझसे बिछुड़कर तुम्हारी मूरत बना लूंगा… की प्रस्तुति दी. मीरा सिंह ने जाड़े की धूप…से पुराने दिनों को याद किया. कवयित्री संगीता कुजारा टॉक ने शायद दु:ख मेरा माज आया है… अब तक रिश्ता निभाया है… जैसी सारगर्भित त्रिवेणी की प्रस्तुति दी. इसके अलावा अपर्णा सिंह, कविता रानी सिंह, रश्मि सिंह, सरोज अग्रवाल, प्रतिभा मिश्र, पूनम सिंह, गीता चौबे, पुष्पा पांडेय, विम्मी वर्मा, रंजना वर्मा, खूशबू बरनवाल सीपी समेत अन्य ने रचनाओं का पाठ किया. संचालन शब्दकार की उपाध्यक्ष संगीता कुजारा टॉक ने किया. इस अवसर पर वीणा श्रीवास्तव, रीता गुप्ता, सत्या शर्मा, जय माला, अंशुमिता शेखर आदि उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है