पटना. केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट कार्य के मंत्री निर्मला सीतारमण ने ग्रामीण बैंक को कृषि से संबंधित ऋण देने में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने को कहा है. शुक्रवार को दो दिवसीय बिहार दौरे पर आयीं केंद्रीय वित्त मंत्री ने पटना में पूर्वी क्षेत्र के बिहार, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल समेत चार राज्यों के आठ ग्रामीण बैंकों के क्रियाकलापों की समीक्षा की. उन्होंने क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को अपने ग्राहकों को इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग और यूपीआइ जैसी डिजिटल सेवाएं प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध करवाने का निर्देश दिया. वहीं, आने वाली चुनौतियों को पहचानने, परिसंपत्ति की गुणवत्ता बनाए रखने और डिजिटल सेवाओं का विस्तार करने का निर्देश दिया. उन्होंने मजबूत कॉर्पोरेट प्रशासन सुनिश्चित करने के लिए चेताया भी. ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने में ग्रामीण बैंकों की महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए, ग्रामीण बैंकों के प्रायोजक बैंकों के सहयोग से केंद्र की प्रमुख योजनाओं जैसे पीएम मुद्रा और पीएम विश्वकर्मा योजना जैसे योजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर ऋण देने का निर्देश दिया. केंद्रीय वित्त मंत्री ने ग्रामीण बैंकों को डेयरी, पशुपालन, मत्स्य पालन आदि जैसे कृषि से संबंधित सहायक गतिविधियों पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिये. सीतारमण ने क्षेत्र में वित्तीय समावेशन को आगे बढ़ाने के लिए ग्रामीण बैंकों को प्रधानमंत्री जन धन योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, अटल पेंशन योजना आदि के अंतर्गत लाभार्थियों को शामिल करने के लिए कहा. बैठक में बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, केंद्रीय वित्तीय सेवा विभाग के सचिव एम.नागराजू, आरबीआइ के इडी, आरआरबी और प्रायोजक बैंकों के अध्यक्ष मौजूद थे. पटना में बैठक के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री दरभंगा में क्रेडिट आउट रीच कार्यक्रम के तहत 49 हजार लोगों के बीच 1388 करोड़ का ऋण वितरण की. शनिवार को वे मधुबनी में क्रेडिट आउट रीच कार्यक्रम में ऋण वितरित करेंगी.
पूर्वी क्षेत्र के ग्रामीण बैंकों को वित्तीय वर्ष 2024 में हुआ 625 करोड़ का समेकित लाभ :
केंद्रीय वित्त मंत्री ने क्षेत्र के ग्रामीण बैंकों में दक्षता और सेवा बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी उन्नयन में तेजी लाने के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने ग्रामीण बैंकों को वित्तीय मापदंडों में सुधार लाने का भी निर्देश दिया.कहा इन बैंको का समेकित सीआरएआर वित्त वर्ष 2022 में 7.8% से बढ़कर वित्त वर्ष 2024 में 9.4% हो गया है. वहीं,सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (जीएनपीए ) वित्त वर्ष 2022 में 25% से बढ़कर वित्त वर्ष 2024 में 15% हो गई हैं.पूर्वी क्षेत्र के ग्रामीण बैंकों ने वित्त वर्ष 2024 के दौरान 625 करोड़ रुपये का समेकित लाभ दर्ज किया है, जबकि वित्त वर्ष 2023 में उन्हें 690 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था.एसएचजी को ऋण बढ़ाने के लिये राज्य सरकार नाबार्ड और सिडबी से मिलाये हाथ :
केंद्रीय वित्त मंत्री स्वरोजगार बढ़ाने के लिए एक जिला एक उत्पाद योजना (ओडीओपी) की संभावनाओं पर प्रकाश डाला.उन्होंने राज्य सरकार से महिला स्वयं सहायता समूहों को ऋण प्रवाह बढ़ाने और बैंकों को सहायता देने के लिए नाबार्ड और सिडबी के साथ हाथ मिलाने का आग्रह किया. :मत्स्य पालन और मखाना के क्षेत्र में ऋण प्रवाह बढ़ाए :
केंद्रीय वित्त मंत्री ने उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक को मत्स्य पालन और मखाना के लिए ऋण प्रवाह बढ़ाने का निर्देश दिया, ताकि इस क्षेत्र में इन गतिविधियों की पूरी क्षमता का उपयोग किया जा सके.उन्होंने कहा कि कृषि और कृषि से संबंधित गतिविधियों को बढ़ाने में ग्रामीण बैंकों की महत्वपूर्णं भूमिका है. किसानों को यदि बैंक समय पर कृषि ऋण उपलब्ध करवा दे तो उनकी आमदनी बढ़ाने में मदद मिलेगी.ग्रामीण क्षेत्रों में शाखाओं की संख्या बढ़ाने और सीडी अनुपात में सुधार करे बैंक:
उपमुख्यमंत्री सह वित्तमंत्री सम्राट चौधरी ने बैंकों से राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में शाखाओं की संख्या बढ़ाने और सीडी अनुपात में सुधार करने का आग्रह किया. उन्होंने बैंकों से छोटे उद्योगों को अधिक सहायता प्रदान करने और ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल लेन-देन बढ़ाने का भी निर्देश दिया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है