कोलकाता/नयी दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल प्राथमिक स्कूल नियुक्ति घोटाले से जुड़े केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) के मामले में शुक्रवार को तृणमूल कांग्रेस के पूर्व युवा नेता कुंतल घोष को जमानत दे दी. न्यायमूर्ति सूर्यकांत व न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने कहा कि इस मामले में निकट भविष्य में सुनवाई पूरी होने की संभावना नहीं है, जबकि घोष पिछले 19 महीनों से हिरासत में हैं. घोष एक साल से अधिक समय बाद जेल से बाहर आयेंगे, क्योंकि उन्हें घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में 20 नवंबर को जमानत दे दी गयी थी. पीठ ने कहा : मुकदमे के निष्कर्ष के बारे में पूर्वानुमान लगाना अभी जल्दबाजी होगी. मौजूदा परिस्थितियों में, आरोपी को अनिश्चितकाल के लिए हिरासत में रखना कानून में स्थापित व्यवस्था के अनुरूप नहीं होगा. पीठ ने घोष को जमानत दे दी और उनसे कहा कि वह अदालत या जांच एजेंसी की पूर्व अनुमति के बिना पश्चिम बंगाल से बाहर नहीं जायें. पीठ ने कहा है कि घोष कोई सार्वजनिक पद भी नहीं संभालेंगे और मीडिया में जांच के गुण-दोष से संबंधित कोई बयान नहीं देंगे. न्यायालय ने कहा : हम उन्हें राजनीतिक पार्टी में कोई भी पद लेने से नहीं रोक सकते. पीठ ने उन्हें मामले में साक्ष्यों को प्रभावित या उनसे छेड़छाड़ न करने का निर्देश दिया. सुनवाई के दौरान घोष की ओर से पेश अधिवक्ता एमएस खान ने अपनी दलील के समर्थन में निचली अदालत के दो आदेश प्रस्तुत किये कि निकट भविष्य में सुनवाई पूरी नहीं हो पायेगी, क्योंकि सीबीआइ ने अब तक मामले में अंतिम आरोपपत्र दाखिल नहीं किया है. पीठ ने सीबीआइ के वकील से पूछा कि एजेंसी को जांच पूरी करने में कितना समय लगेगा. न्यायालय को यह अवगत कराया गया कि जांच एजेंसी दिसंबर में पूरक आरोप-पत्र दाखिल करने की योजना बना रही है, क्योंकि उसे उन गवाहों से पूछताछ करनी है, जिन्हें आरोपी ने धोखा दिया है. घोष को ईडी ने 21 जनवरी, 2023 को धनशोधन मामले में गिरफ्तार किया था. इसके बाद 20 फरवरी, 2023 को उन्हें सीबीआइ ने राज्य प्राथमिक विद्यालय नियुक्ति घोटाले से संबंधित भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार किया था. वकील ने कहा कि उनके खिलाफ आरोप गंभीर हैं, क्योंकि उन्होंने पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के समान एक समानांतर वेबसाइट बनायी, जहां नौकरी चाहने वाले अयोग्य उम्मीदवारों के फर्जी परिणाम पोस्ट किये गये और उनसे करोड़ों रुपये वसूले गये. पीठ ने कहा कि आरोपों की प्रकृति और सीबीआइ द्वारा एकत्र किये जाने वाले साक्ष्य की प्रकृति के कारण, एजेंसी के लिए मोहलत मांगना व आरोप-पत्र दाखिल करना स्वाभाविक था, ताकि सुनवाई का रास्ता साफ हो सके. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 20 नवंबर को स्कूल भर्ती घोटाले से जुड़े प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के मामले में मुख्य आरोपियों में से एक घोष को सशर्त जमानत दे दी थी. घोष को ईडी ने 21 जनवरी, 2023 को धनशोधन मामले में गिरफ्तार किया था. इसके बाद 20 फरवरी, 2023 को उन्हें सीबीआइ ने राज्य प्राथमिक विद्यालय नियुक्ति घोटाले से संबंधित भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार किया था.
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