संवाददाता,पटना शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने विधान परिषद के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन विधान पार्षदों के सवालों के जवाब में कहा कि शिक्षकों को समय पर वेतन भुगतान सुनिश्चित किया जायेगा. अक्तूबर तक वेतन भुगतान का भुगतान हो चुका है. शिक्षकों की पदोन्नति के लिए हर दो माह में बैठक कराने का प्रयास करेंगे. जिन शिक्षकों का वेतन विभिन्न कारणों से रोके गये है,उनका भुगतान दिसंबर तक कराया जायेगा. हालांकि, साफ किया कि अनुशासनहीनता के मामले में कोई रियायत नहीं दी जायेगी. मौलाना मजहरूल हक अरबी-फारसी विश्वविद्यालय के संदर्भ में समीर कुमार सिंह के सवाल पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालय ने 10 विषयों में पीजी विभाग खोलने के लिए अनुमति मांगी है. विश्वविद्यालय से इस संदर्भ में जरूरी जानकारी मांगी है. इसके बाद उचित कार्यवाही की जायेगी. डॉ संजीव कुमार सिंह सिंह के जीएसटी कानून से जुड़े सवाल के बारे में शिक्षा मंत्री ने कहा कि महालेखाकार ने सत्र 2017-18 से 2021-2022 तक के अंकेक्षण में जीएसटी प्राप्ति एवं भुगतान की अनियमितताओं की ओर ध्यान खींचा है. ऐसे उदाहरण केएसडीएस और एलएनएमयू में मिले हैं. महालेखाकार की अनुशंसा के हिसाब से कार्यवाही की जायेगी. शिक्षा मंत्री ने मातृत्व अवकाश के संदर्भ में कहा कि महिला मातृत्व अवकाश जाने से पहले ही अवकाश की स्वीकृति लेने पर उनके नियमित वेतन भुगतान में कोई दिक्कत नहीं होती है. हालांकि प्रो नवल किशोर यादव के ये कहे जाने कि मातृत्व अवकाश की स्वीकृति में अधिकारी भेदभाव करते हैं. शिक्षा मंत्री ने आश्वस्त किया कि इस मामले में जरूरी समाधान किया जायेगा. अब्दुल बारी सिद्दीकी की तरफ से 42 फर्जी शिक्षकों के अभी भी पढ़ाये जाने से जुड़े सवाल पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि सभी 42 फर्जी शिक्षकों के खिलाफ विधि सम्मत कार्यवाही की जायेगी. कहा कि पटना,सहरसा, मुंगेर,सीवान,बक्सर, पूर्वी चंपारण एवं अररिया जिलों के 11 शिक्षकों के वेतन बंद करते हुए उनकी सेवा समाप्ति के लिए कहा गया है. शेष 31 शिक्षकों के खिलाफ भी सख्त कार्यवाही की जायेगी.
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