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सरकारी नाली के ऊपर सामान रखा तो होगी कार्रवाई, लगेगा जुर्माना

गुमला शहर को जाम मुक्त व सुंदर बनाने के लिए प्रशासन ने कड़ा आदेश जारी किया है. अगर सरकारी नाली के ऊपर कोई दुकानदार सामान रखता है, तो कार्रवाई होगी. जुर्माना भी लगाया जायेगा.

गुमला. गुमला शहर को जाम मुक्त व सुंदर बनाने के लिए प्रशासन ने कड़ा आदेश जारी किया है. अगर सरकारी नाली के ऊपर कोई दुकानदार सामान रखता है, तो कार्रवाई होगी. जुर्माना भी लगाया जायेगा. गुमला एसडीओ राजीव नीरज ने नगर परिषद गुमला को निर्देश दिया है कि शहरी क्षेत्र में अभियान चलाये. सरकारी एरिया का सीमांकन करें. यदि कोई दुकानदार अपनी दुकान का सामान नाली के पार रखता है और इससे सड़क में यातायात में परेशानी हो रही है, तो इसपर सख्त कार्रवाई करें. फाइन चालान काटने व कार्रवाई करने के लिए कहा है. यहां, बता दें कि गुमला शहर के कई बड़े व्यापारी अपनी दुकानों के सामानों को नाली के ऊपर स्लैब में रखते हैं. कई लोग तो नाली से पार कर नेशनल हाइवे सड़क तक सटाकर सामान रख देते हैं, जिससे यातायात प्रभावित होते रहती है. इतना ही नहीं. अगर कोई ग्राहक सामान खरीदने पहुंचता है, तो उसे अपनी गाड़ी को नेशनल हाइवे सड़क पर खड़ी करनी पड़ती है. जिससे मुख्य सड़क पर जाम लगते रहता है. इससे पैदल आवागमन करने व लंबी दूरी की गाड़ियों को मेन रोड से होकर गुजरने में परेशानी झेलनी पड़ती है. जशपुर रोड, लोहरदगा रोड, पालकोट रोड, सिसई रोड व थाना रोड में कई दुकानदार अपने सामानों को नाली व नाली से पार मुख्य सड़कों तक सटाकर रखते हैं. यहां तक कि दुकान का प्रचार बोर्ड भी नेशनल हाइवे सड़क से सटाकर रखा जाता है. सबसे खराब स्थिति गुमला शहर के मेन रोड की है. चूंकि, मेन रोड में बड़े व्यापारी हैं. हालांकि, गुमला एसडीओ अक्सर कार्रवाई का निर्देश देते हैं. परंतु, नगर परिषद के अधिकारी मेन रोड के व्यापारियों के सामानों पर हाथ नहीं डालते. इसका वजह अबतक स्पष्ट नहीं हो पाया है. परंतु, नगर परिषद द्वारा एसडीओ के आदेश का सही से पालन नहीं करने के कारण आम जनता को परेशानी होती है.

नगर परिषद की कार्रवाई पर सवाल

अक्सर देखा गया है. डीसी व एसडीओ जब भी अतिक्रमण हटाने का आदेश देते हैं. नगर परिषद के अधिकारी सबसे पहले जशपुर रोड स्थित सब्जी मार्केट पहुंचते हैं. यहां गरीब दुकानदारों पर अतिक्रमण का डंडा चलाते हैं. अगर कोई विरोध करता है तो उसे डराते व धमकाते हैं. परंतु, जब बड़े व्यापारियों के सामानों को सरकारी नाली व नेशनल हाइवे सड़क से हटाने की पारी आती है तो नगर परिषद ठंडा पड़ जाता है. नगर परिषद बड़े व्यापारियों पर कार्रवाई करने से कतराती है. जबकि डीसी व एसडीओ का आदेश सभी अतिक्रमण को हटाने के लिए जारी होती है. परंतु, नगर परिषद एक आंख में काजल और एक आंख में सूरमा वाली कहावत की तर्ज पर कार्रवाई करती है.

सड़कें रात में बड़ी और दिन में हो जाती है छोटी

गुमला शहर की सड़कें रात में बड़ी और दिन में छोटी हो जाती है. रात में जब सभी दुकानें बंद हो जाती है और नाली व नेशनल हाइवे में सटाकर रखी गयी सामानों को हटा दिया जाता है तो रात को सड़कें सुदर और बड़ी दिखती है. वहीं जैसे ही सुबह होती है. दिन के नौ बजे के बाद पुन: दुकानदार अपने सामानों को दुकान से बाहर निकालकर सरकारी नालियों में सजाने लगते हैं. साथ ही नेशनल हाइवे की सड़कों पर सामानों को सटाकर रख देते हैं. जिस कारण दिन में सड़कें छोटी हो जाती है. जिस कारण कई बार लोगों को पैदल चलने के लिए भी सड़क नहीं मिलती है.

दुकानदार सामान को सरकारी जमीन पर न निकालें : पीआरओ

गुमला. चेंबर ऑफ कॉमर्स गुमला के पीआरओ आनंद गुप्ता ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर गुमला के व्यापारियों से अपील किया है कि वे अपनी दुकानों के सामान को सरकारी नाली के अंदर रखें एवं सरकारी जमीन पर अपना सामान को न निकालें. जिससे यातायात व्यवस्था सुचारू रूप से चले और जाम की स्थिति न बने. उन्होंने कहा कि अनुमंडल कार्यालय में अनुमंडल पदाधिकारी की अध्यक्षता में हुई बैठक में पूर्व में किये गये वार्ता को लागू करने के लिए कड़ा निर्देश दिया गया है. एसडीओ ने गुमला नगर परिषद के प्रशासक को अतिक्रमण हटाने के लिए कठोर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. अतः गुमला चेंबर आप सभी व्यापारी से आग्रह करती है कि अपने दुकान के सामानों को बाहर न निकालें और कार्रवाई से बचें. नगर परिषद का सहयोग करें.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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