नारायणपुर. थाना क्षेत्र में इन दिनों बालू का अवैध कारोबार जमकर हो रहा है. बालू का यह गोरख खेल गोविंदपुर-साहिबगंज हाइवे से दिन के उजाले में हो रहा है. दर्जनों ट्रैक्टर प्रतिदिन बालू लेकर नारायणपुर पहुंचता है. अवैध बालू कारोबारी को पुलिस का कोई भय नहीं है. नारायणपुर की जीवनदायनी कही जाने वाली बराकर नदी का अस्तित्व अवैध बालू के उत्खनन के कारण अब मिटने के कगार पर है. सीधे तौर पर समझे तो यहां बालू का गोरख खेल तो हो रहा है. इस बार पुलिस प्रशासन का पर्दा कुछ इस कदर लगा है कि ट्रैक्टर सर्राटा भरते हुए गुजर रहा है. इसे देखकर नजर अंदाज किया जा रहा है. लोगों की माने तो यहां सब सेट है. इसलिए तो दिन की उजाले में बालू लोडेड ट्रैक्टर दिन के उजाले में थाना और अंचल के सामने से गुजर रही है. ऐसा नहीं है कि नारायणपुर के लोगों को सस्ती दरों पर भालू उपलब्ध हो रहा है, बल्कि इसके ठीक विपरीत नारायणपुर के लोगों को यहां 2000 से 2500 प्रति ट्रैक्टर बालू के लिए देना पड़ता है. स्थानीय लोगों ने बालू के इस गोरख धंधे पर अविलंब रोक लगाने की मांग की है. हालांकि कई बार पुलिस प्रशासन बालू के इस गोरख धंधे में विराम लगाने को लेकर मीडिया में बयान तो दे देते हैं, लेकिन धरातल पर जब कार्रवाई करने की बात आती है तो किनारा पकड़ लेते हैं. अब इस प्रकार की कार्यशैली पर नारायणपुर के लोगों के बीच चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है