ठंड से बचाव की तैयारी को लेकर प्रधान सचिव ने डीएम को लिखा पत्र
ठंड बढ़ी तो अलाव जलाने, फुटपाथ पर रहने वालों के लिए रैन-बसेरा संचालित करने के दिये निर्देश खगड़िया. बीते कुछ दिनों से ठंड ने दस्तक दे दी है. पारा ने नीचे गिरा है, आगे और भी ठंड बढ़ेगी. दिसम्बर व जनवरी महीने में ठंड का प्रकोप अधिक रहेगा. शीतलहर की भी संभावना व्यक्त की जा रही है. ठंड से सर्वाधिक परेशानी गरीबों व फुटपाथ पर गुजर-बसर करने वालों होने वाली है. आने वाले दिनों दिनों इनकी मुश्किलें और बढ़ जाएगी. दिन तो धूप के सहारे कट जाएगी. लेकिन रात काटना इनके लिए चुनौती बन जाएगी. इधर गरीब तथा फुटपाथ पर रात गुजारने वालों की ठंड से बचाव/सुरक्षा को लेकर राज्य आपदा विभाग ने जिले में तैयारी करने को कहा है. आपदा विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने डीएम को पत्र लिखकर ठंड से बचाव को लेकर जिले में हर स्तर पर तैयारी करने को कहा है. ठंड बढ़ने पर जिले में अलाव की व्यवस्था करने सहित गरीबों व निःसहाय लोगों के बीच कंबल का वितरण करने को कहा गया है. अपर मुख्य सचिव ने डीएम को लिखे पत्र में कहा है कि सामान्य तौर पर दिसम्बर व जनवरी माह के बीच ठंड की व्यापकता और तीक्ष्णता कभी-कभी भयावह शीतलहर रूप ले लेती है. ऐसी स्थिति में प्रायः शहरी/अर्द्ध शहरी क्षेत्रों में बसे गरीब,निःसहाय,आवासविहीन लोग शीतलहर से सबसे अधिक प्रभावित होते हैं. राज्य स्तर से गरीब,निःसहाय लोगों को शीत लहर से बचाने के लिए जिले में पूरी व्यवस्था व सतर्कता बरतने को कहा गया है.रैन बसेरों व शरण स्थलों की व्यवस्था हाेगी दुरूस्त
अपर मुख्य सचिव ने शहरी क्षेत्रों के रिक्सा चालक, दैनिक मजदूरों,असहायों तथा जरुरतमंदों के रहने के लिए रैन बसेरा की व्यवस्था करने को कहा गया है. जहां रैन बसेरा उपलब्ध नहीं है,वहां जिले में उपलब्ध पॉलीथिन शीट्स,टेंट का उपयोग कर अस्थाई शरण स्थली बनाने को कहा गया है. रैन बसेरों तथा अस्थाई शरण स्थली में ठहरने वालों के लिए प्रर्याप्त संख्या में कंबल की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिये गए हैं. रिक्सा चालक, दैनिक मजदूरों, नि:सहायों तथा जरूरतमंदों के बीच कंबल का भी वितरण किया जाएगा.महत्वपूर्ण/ सार्वजनिक जगहों अलाव जलाने के होगी व्यवस्था
धर्मशाला,अस्पताल परिसर,रैन बसेरा,मुसाफिरखाना,रिक्सा/बस स्टैंड,चौराहा,रेलवे स्टेशन परिसर,सहित अधिक भीड़ जुटने वाली जगहों पर लोगों को ठंड से बचाने के लिए अलाव जलाने के निर्देश दिये गए हैं. साथ ही संबंधित अन्य पदाधिकारियों को रैन बसेरों,अन्य शरण स्थलों तथा अलाव जलाने वाले जगहों का समय-समय पर निरीक्षण एवं सघन अनुश्रवण करने को भी कहा गया है. शीतलहर से संबंधित दैनिक प्रतिवेदन शीतलहर की स्थिति उत्पन्न होते ही राज्य नियंत्रण कक्ष में भेजने के निर्देश दिये गए हैं.कई विभागों को किया अलर्ट
राज्य स्तर से स्वास्थ्य,पशुपालन तथा कृषि विभाग को भी शीतलहर से बचाव को लेकर जिले में इंतजाम करने को कहा गया है. ठंड व शीतलहर से न सिर्फ इंसानों को बल्कि पशु एवं फसलों को भी नुकसान होता है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग को सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर ठंड से बचाव के लिए चिकित्सीय व्यवस्था दुरुस्त रखने को कहा गया है ताकि कम से कम जानमाल का नुकसान हो. इसी तरह शीतलहर से पशुओं तथा पाला से फसलों को बचाने के लिए प्रर्याप्त व्यवस्था करने के निर्देश दिये गए हैं. बिजली विभाग को नियमित रूप से विद्युत सप्लाई जारी रखने को कहा गया है.
कहते हैं अधिकारी
ठंड बढ़ रही है,लेकिन फिलहाल अलाव जलाने की आवश्यकता नहीं है. ठंड से जानमाल की सुरक्षा को लेकर जिला-प्रशासन द्वारा पूरी तैयारी की जाएगी. रिक्सा चालक,दैनिक मजदूरों,असहायों तथा जरुरतमंदों के लिए ठंड से बचाव को लेकर राज्य स्तर से जारी निर्देश के आलोक में जिले भर में अलाव/कंबल की व्यवस्था तथा रैन बसेरा तथा अस्थाई शरण स्थली में रुकने वाले गरीब तबकों के लोंगों को समुचित सुविधा मुहैया कराई जाएगी.आरती, एडीएम सह वरीय प्रभारी जिला आपदा.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है