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city news : बाल अधिकारों का संरक्षण व सशक्तीकरण जरूरी : जस्टिस डॉ एसएन पाठक

आब्जर्वेशन होम डुमरदगा में कार्यक्रम

रांची. झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस डॉ एसएन पाठक ने कहा है कि हर बच्चा अनमोल है. चरित्र निर्माण और नैतिक शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि बाल अधिकारों के संरक्षण तथा उनके सशक्तीकरण के लिए काउंसिलिंग जरूरी है. शनिवार को जस्टिस डॉ पाठक बताैर मुख्य अतिथि आब्जर्वेशन होम डुमरदगा में आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रम हर बच्चा अनमोल रत्न को संबोधित कर रहे थे. कार्यक्रम का आयोजन झाखंड हाइकोर्ट जुवेनाइल जस्टिस सह पोक्सो कमेटी व गैर सरकारी स्वयंसेवी संस्था समर्पण के सहयोग से किया गया था. हर बच्चा अनमोल रत्न नामक कार्यक्रम का शनिवार को समापन हो गया. जस्टिस डॉ पाठक ने बच्चों को जीवन में भक्ति, अनुशासन, चरित्र निर्माण, योगासन व नैतिक शिक्षा का महत्व बताया. विशिष्ट अतिथि जस्टिस अनुभा रावत चौधरी ने कहा कि बेहतर जीवन के लिए हर बच्चे को अच्छी शिक्षा मिलनी चाहिए. उन्होंने बच्चों को सजा देने के बजाय उनके विकास व भलाई को प्राथमिकता देने की बात कही. कारगिल युद्ध के नायक तथा वीर चक्र विजेता सूबेदार शत्रुघ्न सिंह ने अपने युद्ध का वृत्तांत सुनाया. उन्हें मुख्य अतिथि द्वारा सम्मानित किया गया. महिला, बाल विकास व सामाजिक सुरक्षा विभाग के सचिव मनोज कुमार बच्चों द्वारा प्रस्तुत योगासन से काफी प्रभावित हुए. उन्होंने बच्चों का हाैसला बढ़ाते हुए संप्रेक्षण गृह में रह रहे सभी बच्चों के लिए योग मैट प्रदान करने का आश्वासन दिया. झारखंड के संप्रेक्षण गृहों में सुरक्षा प्रदान करने के लिए एसएपी-दो बटालियन के कर्मियों को प्रशंसा पत्र भी प्रदान किया गया. किशोर न्याय सह पॉक्सो समिति झारखंड हाइकोर्ट के सचिव राजीव रंजन व उप सचिव तन्वी ने कार्यक्रम का समन्वय किया. मौके पर जेल आइजी सुदर्शन मंडल, रांची के न्यायायुक्त दिवाकर पांडेय, आयुक्त दिव्यांगजन अभय नंदन अंबष्ट, डीसी मंजूनाथ भजंत्री, जेएससीपीएस के निदेशक समीरा एस, संप्रेक्षण गृह के नोडल सुरक्षा अधिकारी कर्नल जेके सिंह, अधिवक्ता हेमलता रावत, समर्पण देवघर की अध्यक्ष डा रूपाश्री, कई अधिकारी आदि उपस्थित थे. सांस्कृतिक कार्यक्रम : दो दिन तक चले इस कार्यक्रम में कई प्रतियोगिताएं व सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये. बच्चों ने जनजातीय नृत्य, देशभक्ति नृत्य, योगासन, लोकगीत, स्वामी विवेकानंद पर भाषण जैसे रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत करते हुए अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया. कार्यक्रम में 140 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया. इनमें 85 बच्चे शामिल हुए. विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को ट्रैक सूट, जूते, प्रमाण पत्र, पदक आदि पुरस्कारों से सम्मानित किया गया. देखभाल व प्रोत्साहन के प्रतीक के रूप में सभी बच्चों को शीतकालीन जैकेट और किताबें दी गयी. बच्चों को जागरूक करने के लिए सीआइडी की ओर से साइबर सुरक्षा व नशा मुक्ति स्टाॅल लगाया गया था.

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