DHANBAD NEWS : हर साल एक दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है. उद्देश्य लोगों को जागरूक करना है, ताकि इस बीमारी के प्रसार को रोका जा सके, लेकिन हर साल संक्रमित के मिलने का सिलसिला जारी है. 2015 से 2024 तक में धनबाद जिले में 1780 संक्रमित मिले हैं.
2010 से चल रहा है सेंटर :
एसएनएमएमसीएच में एड्स मरीजों की चिकित्सा के लिए वर्ष 2010 में केंद्र खोला गया था. यहां एड्स मरीजों की चिकित्सा के लिए अत्याधुनिक व्यवस्था की गयी है. सभी की चिकित्सा यहां की जा रही है. सीडी-4 काउंट मशीन का भी संचालन शुरू किया गया, जिसकी सहायता से यहां गंभीर स्थिति में पहुंचे मरीजों की भी चिकित्सा होती है.2024 में मिले 176 नये मरीज मिले :
साल 2024 की बात करें तो 29 नवंबर तक सेंटर से 176 नये मरीज जुड़े है. इन्हें दवा दी जा रही है. साथ ही उनकी काउंसिलिंग भी की जा रही है, ताकि बीमारी आगे फैले नहीं. यहां आने वाले अधिकांश मरीज आर्थिक रूप से कमजोर ही होते हैं.संक्रमण का मुख्य कारण असुरक्षित यौन संबंध :
एचआइवी एक आजीवन रहने वाला संक्रमण है. लेकिन याद रखें, आप नियमित दवा खाकर एचआइवी के साथ भी एक स्वस्थ, सामान्य जीवन जी सकते हैं. सेंटर के इंचार्ज डॉ विभूति नाथ व डॉ प्रदीप कुमार राय ने बताया कि मुख्य रूप से असुरक्षित यौन संबंध से एचआइवी की बीमारी होती है. ब्लड-ट्रांसफ्यूजन के दौरान शरीर में एचआइवी संक्रमित रक्त के चढ़ाये जाने पर, एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति पर इस्तेमाल की गयी इंजेक्शन की सूई का इस्तेमाल करने से, एचआइवी पॉजिटिव महिला की गर्भावस्था या प्रसव के दौरान या फिर स्तनपान कराने से भी नवजात शिशु को यह मर्ज हो सकता है. इसलिए सावधानी जरूरी है.किस साल मिले कितने संक्रमित मरीज :
2015 से अभी तक धनबाद जिले में 1780 लोग एचआइवी पॉजिटिव मिले हैं. इसमें से 205 गर्भवती संक्रमित मिली हैं. चार नवजात, एक जन्म के बाद बच्चा संक्रमित मिले हैं. संक्रमित मिले सात बच्चों की मौत हो चुकी है, जिनकी उम्र एक साल से कम थी. टीबी मरीजों की बात करें तो 430 मरीज संक्रमित मिले हैं. इसमें आठ एमडीआर मरीज हैं. 10 साल में 60 मरीजों की मौत हो चुकी है. समलैंगिक सेक्स में 26, तीन महिला सेक्स वर्कर, आठ इंजेक्टिंग ड्रग यूजर, चार किन्नर और 27 बच्चे संक्रमित पाये गये हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है