World AIDS Day: पूरे विश्व में 1 दिसंबर यानि आज विश्व एड्स दिवस मनाया जा रहा है. इस दौरान संक्रमण से बचने के लिए अभियान चलाकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है. वहीं बिहार के गोपालगंज में एचआईवी पॉजिटिव मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. रिपोर्ट्स के मुताबिक अप्रैल से लेकर अक्टूबर तक यानि 6 माह में 228 नए संक्रमित मरीज मिले हैं.
बता दें कि बिहार के गोपालगंज में कुल 3200 मरीज ऐसे हैं जो एआरटी सेंटर से प्रतिमाह एड्स की दवा ले रहे हैं. इन मरीजों की काउंसलिंग और दवा नियमित रूप से चल रही है. वहां के चिकित्सक लोगों से जांच को लेकर अपील कर रहे हैं. लोग डर से जांच कम करा रहे हैं. जांच में बढ़ोतरी होगी तो मरीजों की संख्या भी बढ़ सकती है. मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी का अनुमान लगाया जा रहा है.
बिहार के कई जिलों में अब तक एड्स के मरीज मिले हैं. प्रदेश में 3 हजार 583 से ज्यादा लोग एचआईवी संक्रमण से संक्रमित हैं. बिहार में सबसे अधिक HIV मरीजों की संख्या पश्चिम चंपारण के बेतिया जिले में मिली है.
इंजेक्शन और समलैंगिकता के कारण बढ़ा संक्रमण दर
नेशनल एड्स कंट्रोल आर्गेनाइजेशन (नाको) की रिपोर्ट के अनुसार इंजेक्शन और समलैंगिकता के कारण संक्रमित होने की दर बढ़ रही है. इंजेक्शन से संक्रमित होने की दर 2010 में 4.5 गुना हो गई थी. हालांकि, 2017 में यह फिर घटकर एक प्रतिशत से कम पर आ गई थी. वहीं समलैंगिकता के कारण एचआइवी संक्रमण दर 2010 में 4.2 प्रतिशत था जो कि 2017 में घटकर 3.6 हो गया है.
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टैटू से भी बढ़ रहा संक्रमण का खतरा
नाको के अनुसार अब भी इन्हीं दो कारणों की वजह से लोग एड्स की चपेट में आ रहे हैं. इंजेक्शन से ड्रग्स लेने, संक्रमित सिरिंज के प्रयाेग और टैटू बनवाने से भी लोग संक्रमित हो रहे हैं. क्योंकि टैटू बनाने में सूई का इस्तेमाल किया जाता है. एक ही सूई से कई लोगों का टैटू बना दिया जाता है. जिससे लोग संक्रमित हो जाते हैं.
2010 के बाद से प्रदेश में एचआइवी संक्रमितों की संख्या में 27 प्रतिशत तक की कमी आई है. लेकिन कुल संक्रमितों के मामले में यह महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश के बाद तीसरे नंबर पर है. प्रदेश में संक्रमण दर 0.17 प्रतिशत है जो राष्ट्रीय औसत 0.22 प्रतिशत से कम है.