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पटना में जेवर दुकान से डेढ़ करोड़ की ठगी, नकली शॉप कोड और फर्जी बिल लगाकर करते थे जालसाजी

Patna News: राजधानी पटना के जगदेव पथ स्थित एक जेवर दुकान से पिछले 15 दिनों में 1.50 करोड़ की ठगी हुई है. चुना लगाने वाले दो शातिरों को शास्त्रीनगर थाने की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.

Patna News: राजधानी पटना के जगदेव पथ स्थित एक जेवर दुकान से पिछले 15 दिनों में 1.50 करोड़ की ठगी हुई है. चुना लगाने वाले दो शातिरों को शास्त्रीनगर थाने की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने दानापुर के सुल्तानगंज के शिवशंकर उर्फ मंटू और पूर्णिया के रविरंजन सिंह उर्फ टुन्नी को शिकंजा में लिया है. रविरंजन फिलहाल बुद्धा कॉलोनी के किदवईपुरी इलाके में रहता था. इनके पास से सोने की एक चेन, सोने का एक जोड़ी कंगन, 82500 रुपए कैश और दो आईफोन सहित तीन मोबाइल बरामद किए गए हैं.

शक हुआ तो दुकानदार ने की शिकायत

दोनों ठग नागेश्वर कॉलोनी के रहने वाले मोहित खेमका के ज्वेलरी शोरूम में सोने की नकली ज्वेलरी और नकली बिल लेकर पहुंचते थे. उसे बदलकर असली ले लिया करते थे. मोहित खेमका को इन दोनों पर शक हुआ तो उन्होंने शास्त्रीनगर थाने में 27 नवंबर को केस दर्ज कराया. जिसके बाद पुलिस ने छापेमारी कर दोनों को हिरासत में ले लिया.

थानेदार अमर कुमार ने बताया कि इस गिरोह में शामिल एक जालसाज अभी फरार चल रहा है. उसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है. बाकरगंज के कुछ ज्वेलरी दुकानदारों की भूमिका की भी जांच चल रही है.

बाकरगंज में गलवा देते थे सोना

दोनों शातीरों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने मां अंबे ज्वेलर्स में छापेमारी की. जहां से मोहित खेमका की दुकान के नकली बिल, बैग सहित अन्य सामान बरामद हुआ. जांच में यह बात सामने आई कि दोनों असली गहने ठगने के बाद बाकरगंज में गलवा देते थे और वहीं बेच देते थे.

नकली गहने को एक्सचेंज कर लेते थे असली सोना

तीनों आरोपी दुकान के नाम से सेम होलमार्क के गहने तैयार करते थे. बता दें कि इसमें ऊपरी परत पर 5 प्रतिशत सोने का इस्तेमाल करते थे. अंदर मिलावटी सोने से गहने तैयार कर लेते थे. फिर उसी दुकान में होलमॉर्क दिखाकर गहने को एक्सचेंज कर के ऑरिजनल गहने ले लेते थे. फिर इस सोने के गहने को बाकरगंज में गलाकर दुकानों में बेच देते थे. इससे मिलने वाले रुपए आपस में बांट लिया करते थे.

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गिरफ्तार मंटू है मास्टरमाइंड

गिरफ्तार मंटू इस कारोबार का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है. पूर्व में दो-तीन साल पहले इसी गहने की दुकान में कारोबार करता था. यहां से उसे हटा दिया गया था. इसके बाद उसी दुकान का होलमार्क और सांचा बनाकर नकली और मिलावटी गहना बनाने लगा. इस ठगी के खेल में अपने साथ मनीष और रविरंजन को भी शामिल कर लिया.

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