टोटो. गुमला से 10 किमी दूर प्रस्तावित प्रखंड टोटो में कई ईंट भटठा अवैध रूप से संचालित हो रहा है. भटठा मालिकों के पास लाल मिटटी का ईंट भटठा चलाने के लिए इसी, सीटी व सीटीओ की जरूरत है. परंतु, यहां कई भटठा मालिकों के पास इसी, सीटी व सीटीओ नहीं है. इसके बाद भी भटठा का संचालन किया जा रहा है. यहां बताते चलें कि ईंट भटठा चलाने के लिए पर्यावरण प्रमाण पत्र, चिमनी बनाने का लाइसेंस व कारखाना चलाने का लाइसेंस होना अनिवार्य है. परंतु आधा दर्जन भटठा मालिकों ने ये प्रमाण पत्र नहीं बनाये हैं. अगर किसी का पूर्व में प्रमाण पत्र बना भी था तो उनका समय अवधि खत्म हो गया है. नये सिरे से प्रमाण पत्र कई भटठा मालिकों ने नहीं बनाया है. सबसे बड़ी बात की नदी, स्कूल व जहां पास लोग घर बनाकर रहते हैं. वहां आसपास ईंट भटठा चलाना नहीं है. परंतु, टोटो में घनी आबादी के बीच भटठा चल रहा है. टोटो के कई लोगों ने इसकी जांच कर अवैध रूप से संचालित हो रहे ईंट भटठों को बंद कराने की मांग किया है. जिससे लोगों के सेहत पर किसी प्रकार का असर न पड़े. साथ ही बिना प्रमाण पत्र व लाइसेंस के ईंट भटठा चलने से सरकार को भी लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है. टोटो की आबादी धीरे धीरे बढ़ी है. अभी जहां भटठा है. उसके आसपास गांव बस गया है. कई घर बन गये हैं. लोग रहने लगे हैं. यहां तक कि कुछ भटठा के समीप स्कूल भी है. जहां बच्चे पढ़ाई करते हैं. इन स्थानों पर भटठा का संचालन हो रहा है. यहां बता दें कि एक साल पहले अवैध रूप से चलने वाले कई ईंट भटठों को प्रशासन ने बुलडोजर चलाकर ध्वस्त कर दिया था. परंतु, पुन: इधर कई भटठा मालिकों ने भटठा को तैयार करा चलाना शुरू कर दिया है. एक ईंट भटठा मालिक से फोन पर बात हुई. उन्होंने कहा कि जिनके पास कागजात नहीं है. उनकी जांच होनी चाहिए.
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