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Buxar News : बहुत इंतजार के बाद भगवान राम का हुआ अवतार : विद्याभास्कर जी

Buxar News: पूज्य संत श्री खाकी बाबा सरकार की पुण्यस्मृति में आयोजित होने वाले 55वें श्री सीताराम विवाह महोत्सव के चौथे दिन भी पूर्व की भांति कार्यक्रम आयोजित किये गये

बक्सर

. पूज्य संत श्री खाकी बाबा सरकार की पुण्यस्मृति में आयोजित होने वाले 55वें श्री सीताराम विवाह महोत्सव के चौथे दिन भी पूर्व की भांति कार्यक्रम आयोजित किये गये . सबसे पहले सुबह में आश्रम के परिकरों के द्वारा श्री रामचरितमानस जी का नवाह्न पारायण पाठ किया गया.

चौथे दिन भी जारी अखंड अष्टयाम

इस मौके पर दामोंह की संकीर्तन मंडली के द्वारा प्रारंभ श्री श्री हरि नाम संकीर्तन अखंड अष्टयाम चौथे दिन भी जारी रहा. महोत्सव के दौरान चल रहे श्री वाल्मीकि रामायण कथा के चौथे दिन भारत के अप्रतिम विद्वान श्री कौशलेश सदन अयोध्या के पीठाधीश्वर जगतगुरु रामानुजाचार्य स्वामी वासुदेवाचार्य जी श्री विद्याभास्कर जी महाराज के द्वारा श्रीमद् वाल्मीकि रामायण की कथा में भगवान श्री राम के जन्म के प्रसंग का अद्भुत वर्णन किया गया. महाराज श्री के श्री मुख से प्रभु श्री राम के जन्म की कथा को सुन उपस्थित श्रद्धालु भाव विभोर हो उठे. महाराज श्री ने कहा कि भगवान श्री राम का अवतार बहुत इंतजार के बाद हुआ. महाराज दशरथ के लगभग 60 हजार वर्षों के इंतजार के पश्चात भगवान राम का अवतार हुआ. महाराज श्री ने कहा कि महाराज दशरथ इस बात से अत्यंत चिंतित थे की समस्त वैभव होने के पश्चात भी उनके वंश को आगे बढ़ने वाला कोई संतान नहीं है. इस चिंता में दशरथ जी को अत्यंत ग्लानि होने लगी के इतने वैभवशाली साम्राज्य का उत्तराधिकारी कौन होगा.

वशिष्ठ मुनि जी के आशीर्वाद से यज्ञ आयोजन किया गया

महाराजा दशरथ गुरु वशिष्ट के पास पहुंचे और तत्पश्चात वशिष्ठ मुनि जी के आशीर्वाद से यज्ञ आयोजन किया गया और यज्ञ के पश्चात महाराज दशरथ के यहां भगवान राम, लक्ष्मण, भारत और शत्रुघ्न चार पुत्र उत्पन्न हुए. भगवान राम के जन्म के पश्चात उनके सौंदर्य को जो भी देख रहा था. मोहित हो जा रहा था. ऋषि मुनि संत राज परिवार अयोध्या वासी भगवान राम के सौंदर्य पर मोहित होकर खुशी से नाच गान करने लगे. समस्त अयोध्या उत्सव के रंग में रंग गयी. महाराज श्री ने आगे कहा कि भगवान राम का अवतार भगवती की इच्छा पूर्ण करने के लिए ही हुई थी और स्वयं भगवान भी यही सोचते थे कि मुझे भगवती की ही इच्छा पूर्ण करनी है. महाराज श्री ने कहा कि हम सब को भगवान राम की तरह जीवन जीने का अभ्यास करना चाहिए. साथ ही साथ ही यह भी कहा की जीवन में गुरु का स्थान अत्यंत उच्च है. हमें सदैव गुरु की आज्ञा का पालन करना चाहिए क्योंकि गुरु किया गया कभी भी व्यर्थ नहीं जाती है. इस मौके पर वृंदावन के श्री फतेह कृष्ण शास्त्री की मंडली के द्वारा गोपाल भगत की लीला का मंचन किया गया. इस दौरान आश्रम के परिकरों के द्वारा रामलीला के श्री राम जन्म की लीला का मंचन किया गया.

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