कटिहार. स्थानीय जैन अतिथि भवन के प्रांगण में रविवार को आचार्य श्री महाश्रमण के विद्वान शिष्य मुनि श्री आनंद कुमार जी कालू अपने सहयोगी संत मुनि विकास कुमार के साथ बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री व कटिहार विधायक तारकिशोर प्रसाद के साथ अध्यात्म, नैतिकता, अहिंसा, त्याग और जीवन शैली जैसे विषयों पर परिचर्चा की. इसी क्रम में पूर्व डिप्टी सीएम ने अपने सम्बोधन में तेरापंथ धर्मसंघ के साधु जीवन के त्याग, तपस्या का विशेष उल्लेख करते हुए कथनी करनी में समानता पर बल दिया. मुनि ने तेरापंथ धर्मसंघ की विशेषताओं के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि एक आचार्य की आज्ञा में लगभग 750 साधु साध्वी रहती है. उन्होंने अहिंसा, आवश्यकता के अल्पीकरण, जीवन शैली में एकरूपता, त्याग की आवश्यकता तथा सामंजस्य की जरूरत पर बल दिया. इस अवसर पर अररिया व गुलाबबाग के अच्छी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे. कटिहार जैन श्वेताम्बर तेरापंथ सभा के अध्यक्ष बिमल सिंह बेंगानी, महिला मंडल अध्यक्ष सायर संचेती, महासभा के आंचलिक पदाधिकारी राजेश पटावरी, नेपाल बिहार के महामंत्री वीरेंद्र संचेती, वरिष्ठ श्रावक तेजकरण संचेती व अनेक श्रद्धालु जन उपस्थित थे. तारकिशोर को महासभा के संवाहक नेमचन्दजी बैद, महासभा प्रभारी मनोज पुगलिया, स्थानीय सभा मंत्री राजकुमार पुगलिया, विरेंद्र संचेती ने साहित्य व जैन चिन्ह देकर सम्मानित किया.
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