Darbhanga News: बहादुरपुर. मत्स्य विभाग द्वारा रिवर रैचिंग कार्यक्रम के तहत बेनीपुर अंचल के कमला नदी त्रिमुहानी घाट में रविवार को 3.80 लाख छोटी मछलियां छोड़ी गयी. मौके पर बेनीपुर एसडीओ शंभुनाथ झा ने कहा कि बढ़ते प्रदूषण व मानव जनित क्रिया-कलापों के कारण नदियों में मछलियां नष्ट हो रही हैं. इस कारण मछलियों की संख्या लगातार घटती जा रही हैं. इसे लेकर जलीय पारिस्थिकी तंत्र व जैव विविधता पर प्रतिकूल असर हुआ है. इससे मानव भी प्रभावित हो रहे हैं. वहीं मत्स्य निदेशालय पटना के उप मत्स्य निदेशक पवन कुमार पासवान ने कहा कि प्राकृतिक जल संपदा को बचाने व मत्स्यजीवी को जीविका का अतिरिक्त साधन उपलब्ध कराने तथा लुप्त हो रही संकट ग्रस्त मछलियों की प्रजाति के संरक्षण-संवर्धन के लिए नदी पुर्नस्थापन जैसे महते उद्देश्यों की पूर्ति के लिए राज्य सरकार द्वारा संसाधन से प्रमुख नदियों में रिवर रैचिंग करने की योजना संचालित की जा रही है. उप मत्स्य निदेशक कुमार विमल प्रसाद ने कहा कि रिवर रैचिंग नदी पुर्नस्थापन कार्यक्रम के तहत करेह, कमला, बूढ़ी गंडक, कोशी, बागमती आदि नदियों में मूल प्रजाति की बुडर से विभिन्न हैचरियों के द्वारा स्पॉनिंग कराकर तैयार की गयी अंगुलिकाओं का संचयन किया जाना है. इसी उद्देश्य से वर्ष 2024-25 में जिला के करेह व कमला नदी अंगुलिका संचयन के लिए चिन्हित किया गया है. इसमें प्रत्येक नदी के लिए कमशः 3.80 लाख व 3.80 लाख अंगुलिका संचयन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसी आलोक में 2.60 लाख अंगुलिका का संचयन किया गया है.
नदियों की उत्पादकता में होगी वृद्धि
जिला मत्स्य पदाधिकारी अनुपम कुमार ने बताया कि यह एक दीर्घकालीन कार्यक्रम है. इसके तहत 08-10 साल तक रिवर रैचिंग कार्यक्रम के पश्चात इसका असर मत्स्य उत्पादन व उत्पादकता पर दिखाई पड़ेगा. साथ ही इस योजना के क्रियान्वयन से नदियों की उत्पादकता में वृद्धि होगी, जिससे मत्स्य प्रग्रहण पर निर्भर मत्स्यजीवी समुदाय को आजीविका के लिए अतिरिक्त साधन उपलब्ध होगी. नदी जल की गुणवत्ता में अभिवृद्धि होगी तथा प्रदूषण को भी कम किया जा सकेगा. मौके पर स्थानीय मुखिया, मत्स्य प्रसार पदाधिकारी मनोरंजन कुमार, अनिल कुमार, मत्स्य विकास पदाधिकारी कृष्ण चन्द्र, सूर्य कुमार प्रभाकर, प्रियंका कुमारी अनुराधा कुमारी सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं कर्मी मौजूद थे.
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