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महाराष्ट्र के निवासी तीन भाइयों से 60 लाख की ठगी

आसनसोल डीआरएम कार्यालय का भी इनलोगों ने उपयोग किया और यहां कार्यालय में अनेकों कार्यालय भी हस्ताक्षर करवाया.

आसनसोल. भारतीय रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगों ने ठाणे (महाराष्ट्र) जिला के कल्याण इलाके के निवासी लक्ष्मण भूषण के दो बेटों स्वप्ननिल लक्ष्मण भूषण, शुभम लक्ष्मण भूषण और भतीजा सचिन मधुकर सिरसाठ से 60 लाख रुपये की ठगी की. ठगों ने रेलवे का अधिकारी बनकर इनलोगों को अपने जाल में फंसाया और चरणबद्ध तरीके से इंटरव्यू, मेडिकल, ट्रेनिंग, ज्वाइनिंग के नाम पर किस्तों में पैसे वसूले. आसनसोल में स्वप्ननिल का ट्रेनिंग करवाया. सचिन और शुभम का आसनसोल, रांची रोड, टाटानगर आदि जगहों पर प्रशिक्षण करवाया. खड़गपुर रेलवे अस्पताल में मेडिकल भी हुआ. आसनसोल डीआरएम कार्यालय का भी इनलोगों ने उपयोग किया और यहां कार्यालय में अनेकों कार्यालय भी हस्ताक्षर करवाया. पिछले करीब तीन सालों से ज्वाइनिंग के लिए ठगों के चक्कर लगाते-लगाते आखिरकार लक्ष्मण भूषण ने कुल नौ पुरुष और महिलाओं को नामजद आरोपी बनाकर आसनसोल साउथ थाना में शिकायत दर्ज करवायी. जिसके आधार पर आसनसोल साउथ थाना कांड संख्या 432/24 में कथित तौर पर दक्षिण पूर्व रेलवे के महाप्रबंधक के निजी सहायक हरेंद्र कुमार सिंह उर्फ रवींद्र तिवारी उर्फ बबलू, डीआरएम कार्यालय आसनसोल के पास सेक्शन की कर्मचारी के रूप में खुद को पेश की गुप्ता मैडम, दक्षिण पूर्व रेलवे के चक्रधरपुर टाटानगर के एडीआरएम कार्यालय में तैनात कर्मचारी के रूप में परिचय देनेवाले भंडारी, सीमा उर्फ प्रीति अरोड़ा, समसुल हक उर्फ लालू भाई, मोहम्मद कलीम, शर्मा जी, गौतम और कृष्णा चौधरी के खिलाफ 319(2)/318(4)/316(2)/338/336(3)/340(2)/61(2) के तहत प्राथमिकी दर्ज हुई. पुलिस उपायुक्त (सेंट्रल) ध्रुब दास ने कहा कि शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज हुई है. पुलिस मामले की जांच में जुटी है. जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार किया जायेगा.

शिकायत मिलने के 12 घंटे के अंदर मुख्य आरोपी हरेंद्र गिरफ्तार, 12 दिनों की पुलिस रिमांड

महाराष्ट्र के तीन युवकों को रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने का मुख्य आरोपी हरेंद्र कुमार सिंह को पुलिस ने आसनसोल सृष्टिनगर इलाके से गिरफ्तार किया है. यहां वह किराए पर दो फ्लैट लेकर रहता था. रविवार को आरोपी को अदालत में पेश किया गया. जांच अधिकारी अवर निरीक्षक शीतल नाग ने 14 दिनों की पुलिस रिमांड की अपील की. अदालत ने 12 दिनों का पुलिस रिमांड मंजूर किया है. सूत्रों के अनुसार गिरफ्तारी के दौरान पुलिस को काफी सारे कागजात आरोपी के पास से मिला है, जिसकी जांच की जा रही है. हरेंद्र का मुख्य काम ठगी ही है. जांच में पुलिस को कुछ बड़ा खुलासा होने की उम्मीद है. इस नेटवर्क से काफी लोग जुड़े हैं, जिसका खुलासा पुलिस जल्द कर सकती है.

कैसे ठगों ने तीन युवकों से लूटे 60 लाख रुपये?

ठाणे जिला के खड़कपाड़ा थाना क्षेत्र के आरतीदीप अपार्टमेंट के निवासी लक्ष्मण भूषण ने अपनी शिकायत में बताया कि उनका मित्र कृष्णा चौधरी के जरिये मोबाइल फोन के माध्यम से हरेंद्र कुमार सिंह के साथ परिचय हुआ था. उसने खुद को दक्षिण पूर्व रेलवे के महाप्रबंधक का निजी सहायक बताया. हरेंद्र ने कहा कि वह पैसे लेकर रेलवे में अनेकों युवकों की नौकरी लगा चुका है और उनके लोगों को नौकरी पर लगा सकता है. उसकी बातों में सच्चाई लगी. जिसके बाद उसने अपने दो बेटों और एक भतीजा का नौकरी लगाने का प्रस्ताव दिया. हरेंद्र ने उन्हें भंडारी, सीमा, लालू भाई, मोहम्मद कलीम से मिलवाया. उनलोगों ने उन्हें बताया कि सारा कार्य प्रक्रिया के जरिये होता है और उन्हें चार बैंक खाता का नंबर दिया. 17 अगस्त 2021 को डाक के माध्यम से श्री भूषण को उनके बड़े बेटे स्वप्ननिल के नाम का कोटेशन पेपर प्राप्त हुआ. जिसके बाद हरेंद्र को डेढ़ लाख रुपये का भुगतान किया. 17 अगस्त को ही एक होटल के एक कमरे में स्वप्ननिल की लिखित परीक्षा हुई. इसके बाद पुनः डेढ़ लाख रुपये लिया गया.

एक दिन बाद ही 18 अगस्त 2021 को डाक के माध्यम से स्वप्ननिल को मेडिकल का पेपर मिला. फिर डेढ़ लाख रुपये लिया गया. 25 दिसंबर 2021 को डाक के माध्यम से ही जॉइनिंग लेटर मिला. इस पर दो लाख रुपये लिये गये. प्रशिक्षण के लिए आसनसोल लाया गया. यह प्रक्रिया पूरी होने की अंतिम पड़ाव पर चल रही थी कि इसी बीच शुभम और सचिन का 25 मई 2022 को नौकरी के लिए हरेंद्र ने हावड़ा मछली बाजार के पास स्थित एक होटल आकाश में लिखित परीक्षा दिलवायी. 30 मई को दोनों को खड़गपुर रेलवे अस्पताल में मेडिकल कराया गया. 45 दिनों के बाद दोनों को दोनों युवकों को शर्मा जी के माध्यम से आसनसोल डीआरएस कार्यालय लाया गया. यहां खुद को पास सेक्शन का कर्मचारी बतानेवाली गुप्ता मैडम ने कार्यालय में ले जाकर दोनों युवकों का अनेकों कागजात पर हस्ताक्षर लिया. 45 दिनों बाद इन्हें टाटानगर, रांची रोड, आसनसोल और भुवनेश्वर में दो माह का प्रशिक्षण चला. उन्हें बताया गया कि दो माह बाद परिचय पत्र मिल जाएगा और ज्वाइनिंग हो जाएगी. आज तक यह लोग भटक रहे हैं. हर बार ठग उन्हें कोई न कोई बहाना बना देते हैं. श्री भूषण ने कहा कि 60 लाख रुपये की ठगी उनलोगों के साथ हुई है.

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