19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Chaibasa News : कविता से समाज को दिखाया आईना

कोल्हान विवि. हो राइटर्स एसोसिएशन चाईबासा का हो' दुड़ु (कवि) सम्मेलन

चाईबासा. हो राइटर्स एसोसिएशन चाईबासा ने रविवार को कोल्हान विश्वविद्यालय के ऑडिटोरियम में ””हो”” दुड़ु (कवि) सम्मेलन का पहली बार आयोजन किया. इसका उद्घाटन ओत गुरु लाको बोदरा के चित्र पर पुष्प अर्पित कर किया गया. सम्मेलन में पद्मश्री डॉ जानुम सिंह सोय की अध्यक्षता में 54 कवियों ने कविता व रचना प्रस्तुत किया. कवियों ने प्रेमरस, शिक्षा, सामाजिक उत्थान व देशभक्ति की भावना को दर्शाया. मौके पर डॉ बसंत चाकी, कोल्हान एजुकेशन एंड चैरिटेबल सोसाइटी के अध्यक्ष चंद्रमोहन बिरुवा, प्रो अर्जुन बिरुवा, साधना चाकी, बीडीओ साधुचरण देवगम ने मंच साझा किया.

समाज में फैली कुरीतियों को किया इंगित :

कवि प्रेम सागर देवगम ने अपनी कविता “चिरगेल ” के माध्यम से समाज में फैली कुरीतियों की ओर इंगित किया. कवि सोनू हेस्सा ने समाज में मातृभाषा सीखने के प्रति उदासीनता को व्यक्त किया. कवि प्रताप सिंह बानरा ने भाषा के विकास के लिए आयोजित सम्मेलन की सराहना की. महिला कवि सारिका सुंडी पूर्ति ने बगड़ातन हुदा शीर्षक कविता के माध्यम से समाज में बिगड़ती सांस्कृतिक विरासत पर चिंता व्यक्त की.

समाज के हर युवा को शिक्षा से जोड़ने पर बल : साहित्यकार तिलक बारी ने अपनी कविता के माध्यम से समाज को संदेश दिया कि मातृभाषा के उत्थान के लिए कवि या लेख का सृजन कर अधिक से अधिक समाज का आइना दिखाना आवश्यक है. कवि रासमनी तांती ने अपनी कविता “एगञ अपुङ किञ निमिन अलोबेन दुकुना ” (माता-पिता उतना दुख नहीं होना) माध्यम से समाज में लड़कियों को महत्व देने की अपील की. कवि हिसी केराई ने कविता ””पपादिर रेय: गोनोङ”” समाज के हर जन को शिक्षा से जोड़ने पर बल दिया.

जनजातीय भाषा में शिक्षा देने के लिए होगी पहल : सुखराम उरांव

कवि बनमाली तामसोय ने अपनी कविता “बिड्डेङ गाड़ी ” में नयी पीढ़ी की भटकती जिंदगी में व्यंग्यात्मक अभिव्यक्ति प्रस्तुत की. वहीं, रायमुनी हाइबुरु ने अपनी कविता में कोरोना काल का मार्मिक चित्रण किया. रोबिन तांती ने सामाजिक एकता को दर्शाती कविता ””हासा”” के माध्यम से कहा कि हम एक माटी में जन्मे, अमीर और गरीब एक रहें. सभी कवियों को प्रोत्साहन के लिए हो राइटर्स एसोसिएशन ने प्रशस्ति-पत्र प्रदान दिया. चक्रधरपुर के विधायक सुखराम उरांव ने उपस्थित होकर जनजातीय भाषा के माध्यम से शिक्षा प्रदान करने के सरकार के कार्यों को आगे बढ़ाने का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि प्राथमिकता के साथ इस विषय पर सरकार का ध्यान आकृष्ट करायेंगे.

इन्होंने किया संबोधित :

बिहार विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष डीएन चांपिया, सतारी होनहागा, प्रेम सागर देवगम, जानकी चातर, रायमुनी हाइबुरु, मानी कुंटिया, सुनीता बोयपाई, रायमुनी कुंकल, हिसी केराई, सतीश सामड, दुसरु पाड़ेया, सुधीर पाट पिंगुवा, सोनू हेस्सा, गोबई गागराई, मंगल बानसिंह, रमेश सावैयां, रानी सामड, रायमन कुदादा, सुखमती बारी, जवाहरलाल बांकिरा, सचिंद्र बिरुवा, पुष्पांजलि बारी, सारिका सुंडी पूर्ति, प्रताप सिंह बानरा, सुशील कुमार पूर्ति, रमेश जेराई, दांसर बोदरा. ये थे मौजूद : महिला कॉलेज की प्राध्यापक डॉ ललिता सुंडी, डॉ विजय गागराई, हो समाज महासभा के अध्यक्ष मुकेश बिरुवा, युवा महासभा के पूर्व अध्यक्ष डॉ बबलू सुंडी, बामिया बारी, गब्बरसिंह हेंब्रम, इपिल सामड, हरिश्चंद्र सामड, सुखलाल पूर्ति, प्राध्यापिका सोनी कुमारी समेत आयोजन समिति के संरक्षक वीर सिंह बिरुली, संगठन सचिव सिकंदर बुड़ीउली, सचिव कृष्णा देवगम, संयुक्त सचिव दिलदार पूर्ति आदि.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें