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East Singhbhum : चाकुलिया में भूमिगत नहर निर्माण के लिए नियम-कानून ताक पर रखकर साल पेड़ों की कटाई गलत : जमुना टुडू

पद्मश्री जमुना टुडू ने कहा, जिनकी रक्षा का प्रण लेकर राखी बांधती हूं, उन साल के पेड़ों को उजाड़ रहे संवेदक

चाकुलिया. चाकुलिया प्रखंड की बड़ामारा पंचायत स्थित मुढाल में राधे कंस्ट्रक्शन कंपनी ने वन भूमि पर नहर निर्माण के लिए साल के पेड़ों की कटाई कर दी है. इसका विरोध पिछले दिनों ग्रामीणों व भाजपा नेता सुनाराम हांसदा ने किया था. संवेदक के कर्मियों द्वारा संतोषजनक जवाब नहीं देने पर काम बंद करा दिया गया. जानकारी मिलने पर रविवार को जंगल बचाओ अभियान की नेत्री पद्मश्री जमुना टुडू पहुंचीं. उन्होंने कार्य स्थल का जायजा लिया. उन्होंने पाया कि साल के घने जंगलों के बीच भूमिगत नहर निर्माण के लिए संवेदक ने गड्ढे की खुदाई की है. यहां साल के बड़े-बड़े पेड़ों को काट दिया गया है. यह देखकर पद्मश्री जमुना टुडू काफी नाराज हुईं.

पेड़ों को भाई मानती हूं, अवैध कटाई बर्दाश्त नहीं

उन्होंने कहा कि साल के इन पेड़ों को अपना भाई मानती हैं. प्रतिवर्ष रक्षाबंधन पर इनकी रक्षा का प्रण लेते हुए राखी बांधती हैं. इन साल के पेड़ों को बचाने के लिए कई यातनाएं झेली. इसके बाद उन्हें सरकार ने पद्मश्री पुरस्कार से भी सम्मानित किया. इसके विपरीत विकास कार्यों के नाम पर बिना विभागीय अनुमति के जंगल के भीतर खुदाई करना व साल के पेड़ों को अवैध तरीके से काटना अत्यंत दुखदायक और गलत है. इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है.

डीएफओ से कड़ी कार्रवाई की मांग

उन्होंने कहा कि विकास कार्यों का विरोध नहीं है. विकास कार्यों के लिए कभी-कभी पेड़ काटने भी पड़ते हैं, परंतु उनके भी कई नियम और प्रावधान है. इसके विपरीत सभी नियम और कानून को ताक पर रखकर पेड़ों को काट दिया गया. यह जांच का विषय है. उन्होंने डीएफओ सबा आलम अंसारी से बात की. उन्हें जानकारी देते हुए संवेदक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा. मौके पर ईश्वर टुडू, सुबल टुडू, मानसिंह टुडू, संतोष नायक आदि उपस्थित थे.

रैयती जमीन पर भी बिना अनुमति काटे जा रहे पेड़, मुआवजा भी नहीं

सुवर्णरेखा बहुद्देशीय परियोजना के तहत भूमिगत नहर निर्माण चल रहा है. जमुना टुडू से ग्रामीणों ने शिकायत की. ग्रामीणों ने बताया कि संवेदक ने रैयती जमीन पर बिना किसी मुआवजे के खुदाई की है. रैयती जमीन पर पेड़ काट दिये गये हैं. पेड़ काटने के लिए अनुमति नहीं ली जा रही है. पेड़ों के बदले मुआवजा भी नहीं दिया जा रहा है. शिकायत करने वालों में सुबल नायक, इंद्रजीत नायक, सत्यवान नायक, संतोष नायक, श्रीमती नायक, मंगली नायक, तपन नायक, अनामिका शिकारी, काजल नायक, लक्ष्मी नायक, चायना नायक, प्रभा नायक आदि शामिल है.

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