व्यवसायियों ने हड़ताल पर जाने की दी है धमकी
संवाददाता, कोलकातादूसरे राज्यों में आलू भेजने से रोके जाने से नाराज व्यवसायियों ने मंगलवार से आलू की आपूर्ति रोकने की धमकी दी है. इससे खुले बाजार में आलू की कीमत और बढ़ने की आशंका है. राज्य के कृषि विपणन मंत्री बेचाराम मन्ना ने इस स्थिति पर चिंता जाहिर की है. उन्होंने कहा कि आलू की कीमत को नियंत्रित करने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है. आलू को लेकर जो जटिलता बनी है, उसे खत्म करने के लिए सोमवार को एक बैठक बुलायी गयी है. सरकार खुले मन से काम कर रही है. उनका कहना था कि 30 से 40 भ्रष्ट व्यवसायियों के पास आलू अटका हुआ है. ऐसे भ्रष्ट व्यवसायियों की सूची बनायी जा रही है. सोमवार को आपात बैठक बुलायी गयी है. यह पूछे जाने पर कि क्या आलू व्यवसायी सरकार को ब्लैक मेल कर रहे हैं, इस पर मंत्री मन्ना ने कहा कि राजनीतिक रूप से वह कुछ ऐसा ही देख रहे हैं. इसके पहले भी राज्य सरकार ने आलू के बाहर भेजने पर रोक लगा दी थी. लेकिन बाद में सरकार ने इसमें ढील दी थी. लेकिन आलू की कीमत में कमी नहीं आने के बाद फिर से सरकार ने बाहर आलू भेजने पर कड़ाई शुरू कर दी. पिछले चार दिनों से झारखंड, बिहार, ओडिशा व छत्तीसगढ़ के लिए आलू भेजने पर सीमा पर ही ट्रकों को रोक दिया जा रहा है. इससे नाराज आलू व्यवसायियों ने सोमवार की रात से हड़ताल की घोषणा की है.झारखंड की मुख्य सचिव ने बंगाल के मुख्य सचिव से की बात
बंगाल बॉर्डर पर आलू लदे वाहनों को रोके जाने से संबंधित समाचार प्रभात खबर में रविवार को प्रमुखता से प्रकाशित होने के बाद इस मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने संज्ञान लिया है. मुख्यमंत्री ने इस मामले में राज्य की मुख्य सचिव अलका तिवारी को जांच करने का निर्देश दिया है. सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय की तरफ से बताया गया है कि 30 नवंबर 2024 (शनिवार) को बंगाल बॉर्डर पर आलू लदे वाहनों को रोकने की खबरों पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने संज्ञान लिया है. इस संबंध में मुख्य सचिव अलका तिवारी ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव मनोज पंत से फोन पर मामले का निष्पादन को लेकर बात की. बंगाल के मुख्य सचिव मनोज पंत ने भरोसा दिया है कि जल्द एक कमेटी बनाकर आलू मामले का निष्पादन सुनिश्चित किया जायेगाडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है