Bihar Politics: केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री और जेडीयू के वरिष्ठ नेता राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने बीते दिनों मुसलमान को लेकर बयान दिया था. उन्होंने कहा था, ‘नीतीश कुमार ने महादलित वर्ग को समाज की मुख्यधारा में लाने का काम किया. बिहार में अल्पसंख्यक समुदाय की क्या स्थिति थी? लालू और राबड़ी देवी के राज में बिहार में मदरसा के टीचरों को 7000 रुपये मिलते थे, लेकिन आज मदरसा के शिक्षकों को सातवें वेतन आयोग का पैसा मिलता है. हालांकि, अब अल्पसंख्यक समाज के लोग नीतीश कुमार को वोट नहीं देते हैं. हम अति पिछड़े वर्ग के लोगों को सावधान करना चाहते हैं, क्योंकि नीतीश कुमार ने उनके लिए काम किया है, मगर कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो उन्हें भ्रमित करने, उनको जात और अलग समाज में बांटने का काम कर रहे हैं.’
ललन सिंह ने कहा था- नीतीश कुमार वोट के बारे में नहीं सोचते हैं
ललन सिंह ने कहा था, ‘मैं उनसे यही कहूंगा कि वह किसी भी गलतफहमी में ना रहें, क्योंकि नीतीश कुमार की सोच है कि कोई उनको वोट दे या नहीं, लेकिन हम बिहार के लोगों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है और इसलिए हम काम करते हैं. पिछले 19 वर्षों में नीतीश कुमार ने अल्पसंख्यक समाज के लिए काम किया है, जो बिहार के इतिहास में एक बड़ा उदाहरण है. मगर यह लोग वोट उसको देते हैं, जिन्होंने अल्पसंख्यक समाज के लिए एक भी काम नहीं किया है. नीतीश कुमार कहते हैं जाने दीजिए और उन्हें वोट देने दीजिए, क्योंकि हम सरकार में हैं और हमारा फर्ज लोगों के विकास के लिए काम करना है.’
बलियावी क्या बोले
जदयू के पूर्व सांसद रसूल बलियावी ने कहा, ‘जेडीयू को वोट नहीं देने वाले मुसलमान सबसे बड़े गद्दार होंगे. बिहार के मुसलमानों की इज्जत और सीमांचल के मुसलमानों की आबरू का यह सवाल है. यदि मुसलमानों ने जेडीयू और नीतीश कुमार के साथ इंसाफ नहीं किया तो याद रखिएगा जब गद्दारों की लिस्ट लिखी जाएगी तो सबसे पहले मौलाना बलियावी की बिरादरी का नाम होगा. 2025 में बिहार विधानसभा चुनाव होने वाला है. इस चुनाव में यदि मुसलमानों ने जेडीयू को वोट नहीं दिया, तो वो सबसे बड़े गद्दार होंगे. उन्होने आगे कहा कि वोट के लिए नीतीश कुमार सेक्युलर नहीं है बल्कि नीतीश कुमार बाय ब्लड और बाय बर्थ सेक्युलर हैं.’
लालू यादव के कार्यकाल पर क्या बोले बलियावी
किशनगंज में बलियावी ने कहा, ‘याद कीजिए वो दिन जब सत्ता लालू यादव के हाथ में थी. उस वक्त 3-6 महीने की सैलरी तक नहीं मिलती थी. सैलरी के लिए पटना के बेली रोड में लोग आंदोलन करने के मजबूर थे और लालू यादव आंदोलनकारियों को पुलिस से पिटवाते थे. यदि वो दिन आप लोगों को याद है तो इस बार 2025 में नीतीश कुमार जी के साथ इंसाफ जरूर कीजिएगा. नीतीश कुमार मुसलमानों के लिए कई विकास योजनाएं चला रहे हैं. ऐसे में उनको वोट नहीं देने वाले मुसलमान सबसे बड़े गद्दार होंगे.’
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