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पटना जू में स्मॉल कैट एनक्लोजर व हरिशचंद्र जेब्रा का हुआ लोकार्पण

संजय गांधी जैविक उद्यान में सोमवार को ‘स्मॉल कैट’ एनक्लोजर (बाड़े) और हरिशचंद्र जेबरा का लोकार्पण किया गया. इसका लोकार्पण पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री डॉ प्रेम कुमार और सचिव बंदना प्रेयषी ने किया. इस अवसर पर प्रधान मुख्य वन संरक्षक पीके गुप्ता और पटना जू के निदेशक हेमंत पाटिल के अलावा अन्य कर्मी भी मौजूद रहे.

– वन्य प्राणी अदला-बदली में जल्द आयेंगी और बिल्लियां लाइफ रिपोर्टर@पटना संजय गांधी जैविक उद्यान में सोमवार को ‘स्मॉल कैट’ एनक्लोजर (बाड़े) और हरिशचंद्र जेबरा का लोकार्पण किया गया. इसका लोकार्पण पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री डॉ प्रेम कुमार और सचिव बंदना प्रेयषी ने किया. इस अवसर पर प्रधान मुख्य वन संरक्षक पीके गुप्ता और पटना जू के निदेशक हेमंत पाटिल के अलावा अन्य कर्मी भी मौजूद रहे. लोकार्पण के दौरान मंत्री डॉ प्रेम कुमार ने कहा कि यह एनक्लोजर आधुनिक बनाया गया है. ग्लास प्रदर्श से पर्यटकों को वन्यजीवों को देखने में काफी आसानी होगी. दर्शकों को वन्य प्राणियों के दर्शन प्राकृतिक परिवेश में ही करने की व्यवस्था की गयी है. साथ ही प्रभावी भीड़-प्रबंधन की बेहतर व्यवस्था की गयी है. पर्यटकों के बैठने के लिए पर्याप्त सुविधा उपलब्ध करायी गयी है. वर्तमान में इस एनक्लोजर में जंगली कैट, फिशिंग कैट, साही और लेपर्ड कैट रखी गयी हैं. वन्यप्राणी अदला-बदली कार्यक्रम के तहत बहुत जल्द अन्य प्रजाति के बिल्लियों को भी लाया जायेगा. इसमें क्लाउड लेपर्ड कैट, रस्टि स्पोटेड कैट और मार्बल्ड कैट शामिल होंगी. बता दें कि 3.18 करोड़ रुपये की लागत से स्मॉल कैट एनक्लोजर का निर्माण दो वर्षों (वित्तीय वर्ष 2022-23 एवं 2023-24) में किया गया है. ……………………….. यू आकार के डिजाइन में बना है एनक्लोजर 961 वर्ग मीटर के यू आकार के डिजाइन में बने एनक्लोजर में छह प्रदर्श क्षेत्र (डिस्प्ले एरिया) और कुल 18 नाइट हाउस है. इस एनक्लोजर का ओरिएंटेशन इस प्रकार से किया गया है, जिसमें पर्याप्त प्राकृतिक रोशनी व वेंटिलेशन उपलब्ध हो. साथ-साथ इस एनक्लोजर में वन्य प्राणियों के व्यवहार के आधार पर बेहतर प्राकृतिक अधिवास की व्यवस्था की गयी है. वन्यजीवों के सेल में साफ-सफाई, खान-पान और कीपर भी मौजूद हैं. इसमें वन्यजीवों के प्रतिदिन उपयोग के लिए दो कराल भी है, जिसमें प्रदर्श में न छोड़े जाने वाले वन्यजीवों और अस्वस्थ वन्यजीवों को बेहतर स्वास्थ्य प्रबंधन के लिए रखा जा सकता है. ………………….. नर जेब्रा ‘हरिशचंद्र’ को देख सकेंगे दर्शक जू में वर्णिका मादा जेबरा पिछले एक वर्ष से अकेली रह रही थी. जू के प्रावधान के अनुसार अक्तूबर 2024 में वन्य प्राणी अदला-बदली कार्यक्रम के तहत बनेरघट्टा बायोलॉजिकल पार्क बेंगलुरु से एक नर जेब्रा लाया गया है. जिसका सोमवार को लोकार्पण किया गया. इसका नाम हरिश्चंद्र है.

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