बेथेसदा प्राइमरी टीचर्स एजुकेशन कॉलेज में क्रिसमस गैदरिंग रांची. बेथेसदा प्राइमरी टीचर्स ट्रेनिंग एजुकेशन कॉलेज में सोमवार को कॉलेज दिवस सह क्रिसमस गैदरिंग का आयोजन हुआ. मुख्य अतिथि जीइएल चर्च के मॉडरेटर बिशप मार्शल केरकेट्टा ने कहा कि प्रभु का आगमन मनुष्यों की भलाई के लिए ईश्वर का हस्तक्षेप है. उन्होंने कहा कि इसलिए एक कुंआरी मरियम के गर्भ से प्रभु यीशु मसीह जन्म लेते हैं. उनके जन्म पर स्वर्गदूतों ने गान गाया था. प्रभु का आगमन मन परिवर्तन के लिए और सही विशडम के लिए था न कि कन्वर्जन के लिए. उनके आगमन के पहले लोगों को ऐसे संकेत मिले थे कि जगत का उद्धार करने के लिए प्रभु आनेवाला है.
बीसीआइ जैसी चीजें आ रही हैं, लेकिन यह रचनात्मक नहीं
मॉडरेटर ने शिक्षण व्यवस्था के बारे में कहा कि आज तकनीक इतना आगे बढ़ गयी है कि ब्रेन कंप्यूटर इंटरफेस (बीसीआइ) जैसी चीजें आ रही हैं, लेकिन यह रचनात्मक नहीं है. पुराने जमाने के शिक्षकों और गुरुओं ने जो शिक्षा दी, उससे विद्यार्थियों में विशडम, रचनात्मकता, सकारात्मकता और विनम्रता आती थी. इसलिए हमें सोचना होगा कि नयी पीढ़ी को किस तरह की शिक्षा की जरूरत है?छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किये
इससे पूर्व कॉलेज की प्राचार्य अंजलि अमिता हेंब्रोम ने कॉलेज का वार्षिक प्रतिवेदन पढ़ा. छात्राओं ने मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किये. सबसे ज्यादा आकर्षक था नेटिविटी प्ले के तहत यीशु के जन्म के प्रसंगों को नाटक के माध्यम से प्रस्तुत करना. इसके अलावा हॉरर कॉमेडी डांस से छात्राओं ने उपस्थित लोगों के चेहरे पर मुस्कान ला दी. छात्राओं ने नेपाली डांस, आदिवासी डांस, असम, बंगाली, बॉलीवुड के गाने पर डांस की प्रस्तुति की. कॉलेज में उत्कृष्ट प्रदर्शन करनेवाली छात्राओं को पुरस्कृत किया गया. इस अवसर पर डिप्टी मॉडरेटर मुरेल बिलुंग, बिशप जे सांगा, बिशप लोलस मिंज, बिशप सीमांत तिर्की, रेव्ह निरल बागे, रेव्ह आशीषन बागे, अटल खेस सहित अन्य उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है