Bihar Land Survey: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई बिहार कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए. कुल 33 एजेंडों पर मुहर लगाते हुए राज्य के विकास और प्रशासनिक सुधार की दिशा में कई बड़े निर्णय लिए गए. इनमें सबसे महत्वपूर्ण फैसला बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त नियमावली 2024 को स्वीकृति देना और राज्य में जमीन सर्वेक्षण का काम अगस्त 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित करना है.
जमीन सर्वे की समय सीमा बढ़ाई गई
बिहार में 20 अगस्त से शुरू हुए जमीन सर्वेक्षण को सुचारू रूप से पूरा करने के लिए कैबिनेट ने स्वघोषणा की अवधि को 180 दिनों तक बढ़ा दिया है. साथ ही, रैयती दावे करने के लिए 60 दिन और इन दावों के निपटारे के लिए भी 60 दिन का अतिरिक्त समय दिया गया है. इस फैसले से जमीन मालिकों को पर्याप्त समय मिलेगा और विवादों के समाधान की प्रक्रिया को मजबूती मिलेगी.
हवाई सर्वेक्षण की लागत में संशोधन
कैबिनेट ने हवाई सर्वेक्षण के लिए 2012-13 में तय की गई 14,994 रुपये प्रति वर्ग किलोमीटर की दर को संशोधित कर 27,600 रुपये प्रति वर्ग किलोमीटर कर दिया है. इसके साथ ही, पुनरीक्षित योजना लागत 14.23 अरब रुपये तय की गई है, जिसमें 1.03 अरब रुपये की अतिरिक्त राशि राज्य योजना मद से वहन की जाएगी.
विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए बड़ा कदम
विशेषज्ञों का मानना है कि जमीन सर्वेक्षण की अवधि को छह महीने बढ़ाने का यह फैसला आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए लिया गया है. सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि जमीन से जुड़े विवादों का समाधान समय पर हो और सर्वेक्षण प्रक्रिया में जनता की भागीदारी बढ़े.
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राज्य की विकास प्रक्रिया में बड़ा योगदान
सरकार का यह कदम जमीन के मालिकाना हक से जुड़े विवादों को कम करने और प्रदेश में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से किया गया है. जमीन सर्वेक्षण से न केवल भू-संपत्ति का सही आंकलन होगा, बल्कि राज्य में निवेश और विकास परियोजनाओं को भी रफ्तार मिलेगी.