सुपौल/बलुआ बाजार. रबी फसल खेती की शुरुआत होते ही मकई का बीज थाना क्षेत्र के विभिन्न अनुज्ञप्ति दुकानों में सज चुका है. एक ओर किसान खेतों की तैयारी में जोर-शोर से लगे हुए हैं. वहीं दूसरी तरफ इस बार किसानों को मक्का का बीज की खरीदारी करने में पसीने छूट रहे हैं. किसान चिंतित है कि इतना महंगा बीज की कैसे खरीदारी करें. इस बार पायनियर के 3355 जैसे नामक बीज का दाम आसमान छू लिया है. प्रति पैकेट तीन हजार रुपये तक मक्का का बीज खरीदारी करने के लिए किसान विवश हैं. जबकि फिक्स्ड रेट 2700 रुपये है. लिहाजा किसान सर्वाधिक इस बीज का रोपाई करते हैं. ऐसे में किसान मक्का बीजों के बढ़ते दाम से काफी नाराज दिख रहे हैं. इस बार पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष प्रति पैकेट मक्का का बीज में करीब 01 हजार रुपये तक बढ़ोतरी हुई है. सुपौल जिले के कुल मक्का उत्पादन का बसंतपुर प्रखंड अकेले 60 से 70 प्रतिशत तक उत्पादन करता है. जिसमें विशनपुर शिवराम पंचायत, बलभद्रापुर पंचायत मक्का खेती में अग्रणी मना जाता है. यहां के किसान आंशिक रूप से गेहूं की खेती करते हैं. यहां के किसान लगभग पांच हजार हेक्टेयर तक मक्का की खेती करते हैं. बीजों की कीमत बढ़ने से किसान चिंतित मक्के का बीज ऊंची कीमतें उनके उत्पादन लागत को बढ़ा रही है. मक्का की खेती में लागत को नियंत्रित रखना महत्वपूर्ण है. खासकर छोटे और मध्यम वर्ग के किसानों महंगे बीज खरीदने में कठिनाई महसूस कर रहे हैं. बीजों की बढ़ती कीमतों के कारण किसान सरकार और संबंधित एजेंसियों से सहायता की मांग कर रहे हैं. ताकि उन्हें रियायती दरों पर बीज उपलब्ध कराए जा सके. किसानों का मानना है कि बीजों की कीमत में वृद्धि के कारण उन्हें वैकल्पिक फसलों की ओर भी रुख करना पड़ सकता है. जिससे मक्का उत्पादन में गिरावट आ सकती है. कई जगहों पर नकली बीज-असली बीजों के नाम पर बेचे जा रहे हैं. जिससे किसान ठगे जा रहे हैं और उनकी फसल उत्पादन क्षमता पर बुरा असर पड़ रहा है. हालांकि ऐसे लोगों के प्रति कृषि विभाग भी सख्त है. गाहे-बगाहे छापेमारी चल रही है. लेकिन ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है. मुनाफा के चक्कर में नकली बीज खुलेआम बेचते हैं दुकानदार इस संबंध में कई किसानों ने बताया कि दुकान में दर्जनों कंपनी का बीज उपलब्ध रहता है. जिसमें बहुत नकली बीज भी रहता है. किसानों को समझ नहीं आता है कि कौन सा बीज असली है और कौन सा नकली. दुकानदार हायब्रिड बीज कह कर बीज देते हैं. दुकानदारों के द्वारा प्रलोभन दिया जाता है कि 10 मन का कट्ठा उपज होगा. लेकिन 05 मन भी नहीं होता है. दुकानदार ज्यादा मुनाफा के चक्कर में नकली बीज खुलेआम बेचते हैं. पिछले वर्ष की बात करें तो कृषि विभाग द्वारा सब्सिडी पर बहुत ही कम कीमतों पर किसानों को मक्के की बीज उपलब्ध कराई गयी थी. पिछले वर्ष बसंतपुर प्रखंड को 31 क्विंटल संकर प्रजाति के मक्के का बीज आवंटित किया गया था. जिसमे किसानों को बीज पर 80 प्रतिशत तक अनुदान पर मिला था. हालांकि किसानों को उतना अच्छा उपज नहीं हुआ था. लेकिन इस बार अभी तक सरकार के द्वारा बीज उपलब्ध नहीं कराई गयी है. अधिक कीमत पर बीज बेचने वाले दुकानदारों पर होगी करवाई : एसडीएओ इस बाबत वीरपुर अनुमंडल कृषि पदाधिकारी कुंदन कुमार ने बताया कि पिछले वर्ष अनुदानित दर पर सरकार द्वारा किसानों को बीज उपलब्ध कराया गया था, लेकिन इस बार ऐसी जानकारी अभी तक नहीं मिली है. अगर कोई दुकानदार एमआरपी से ऊंचे दाम पर बीच बीच रहे हैं तो इसकी शिकायत कृषि विभाग में करें. ऐसे दुकानदार पर विभाग सख्त कार्रवाई करेगी. बताया कि विभिन्न दुकानों से बीज का सैंपल लेकर लैब जांच के लिए भेज रहे हैं. अगर किसानों को नकली बीज का संदेह हो रहा हैं तो सूचित करें, इसकी जांच की जायेगी. जांच में दोषी पाये जाने पर उक्त दुकानदार व संबंधित कंपनी पर सख्त कार्रवाही की जाएगी. श्री कुमार ने किसानों से अपील किया कि प्रमाणित दुकानों से ही बीज खरीदें और खरीदते समय गुणवत्ता की जांच करें. बताया कि विभाग नकली बीजों के कारोबारियों पर नजर रखने के लिए औचक निरीक्षण कर रही है.
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