जहानाबाद. नगर परिषद क्षेत्र के वार्डों में आने वाले समय में अंधेरा छा सकता है. खासकर उन वार्डों में लाइटों की स्थिति बहुत खराब है, जिस वार्ड में बड़े पैमाने पर दुर्गा और छठ पूजा का आयोजन नहीं हुआ है. ऐसे वार्डों में इक्के-दुक्के बल्ब ही जल रहे हैं. मुख्य सड़कों का भी हाल बहुत बुरा है. मुख्य सड़क पर भी इक्के-दुक्के के लाइट जलते नजर आते हैं. दुर्गा पूजा स्थलों को छोड़कर नगर परिषद क्षेत्र के अन्य वार्डों में पिछले फरवरी माह से लाइट के मरम्मत का कार्य बंद है. बोर्ड की बैठक में वार्ड पार्षदों के द्वारा खराब लाइटों की मरम्मत का निर्णय पहले भी लिया गया था किंतु उसे पर अभी तक अमल नहीं किया गया है. शहर के विभिन्न वार्डों में लाइट की वर्तमान स्थिति पर नगर परिषद की बैठक में कई बार हंगामा हुआ और लाइट मरम्मत करने में लिया जा चुका है. नये बोर्ड के गठन के बाद से ही नगर परिषद के पक्ष और विपक्ष के पार्षदों के बीच रस्सा-कस्सी के कारण विकास कार्य प्रभावित रहा है, जहां तक नगर परिषद क्षेत्र के वार्डों में लाइट की स्थिति का सवाल है तो वह बदतर स्थिति में है, ऐसा इसलिए क्योंकि वार्डों में नई लाइट लगाना तो दूर मरम्मत का काम भी नहीं चल रहा है जिसके कारण अधिकांश वार्डो में लगाये गये बड़ी संख्या में एलइडी बल्ब या गायब हैं या खराब हो चुके हैं. जबकि पिछले 5 वर्षों में हर वार्ड में एलइडी लाइट लगाने का जो टारगेट रखा गया था उसमें से आधी लाइटे ही लगाई गई. यानी नगर परिषद क्षेत्र की 33 वार्ड में जितनी लाइट लगाई जानी थी उनमें से आधी लाइट ही लगायी गयी और जो आदि लाइटिंग लगी उनमें से भी बड़ी संख्या में लाइट खराब हो चुकी है. हाल यह है कि दुर्गा पूजा और छठ पूजा समिति से जुड़े वार्ड को छोड़कर हाल के दिनों में बहुत सारे वार्डों में लाइट की मरम्मत भी नहीं हो सकी है. कुछ वार्डों में मरम्मत हुई तो कुछ वार्ड पार्षदों ने आरोप लगाया कि उनके वार्डों में जान बुझ कर लाइटों की मरम्मत नहीं कराई गई, जिसके कारण ऐसे वार्डों में जहां तहां इक्के-दुक्के एलईडी बल्ब ही जलते नजर आते हैं. नगर परिषद द्वारा अगर पिछले 10 सालों में लगायी गयी लाइटों का सर्वे कराया जाए तो बड़ी संख्या में वार्डों से लाइटें गायब मिलेंगी. पिछले 10 साल में नगर परिषद क्षेत्र में कितनी लाइटें लगाई गईं और कितनी बिजली के पोलों पर मौजूद हैं, इसका कोई सर्वे नहीं हुआ है और न ही वार्डों से गायब लाइटों का कोई लेखा-जोखा है. लगाई गई लाइट कहां गई यह बताने वाला कोई नहीं है. दो दिन पहले बोर्ड की बैठक में भी नगर परिषद के वार्डों में खराब लाइट की मरम्मत और नई लाइट की खरीद पर सहमति बनी है.
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