मधुपुर. शहर के भेड़वा नावाडीह स्थित राहुल अध्ययन केंद्र में शहीद क्रांतिकारी खुदीराम बोस, क्रांतिकारी यशपाल, भारतरत्न डॉ राजेन्द्र प्रसाद की जयंती मनायी गयी. साथ ही हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की पुण्यतिथि पर उनको याद किया गया. मौके पर सभी विभूतियों की तस्वीर पर माल्यार्पण कर लोगों ने श्रद्धासुमन अर्पित किया. मौके पर धनंजय प्रसाद ने कहा कि देश की आजादी के लिए सबसे कम उम्र व सबसे पहले शहादत देने वाले खुदीराम बोस थे. खुदीराम बोस देश के उन चंद क्रांतिकारियों में से थे, जिन्होंने देश की आजादी के लिए फांसी के फंदे को हंसते-हंसते चूम लिया. वे मात्र 13 वर्ष की उम्र में ही युगांतरकारी ग्रुप से जुड़कर साम्राज्यवादी ब्रिटिश हुकूमत को उखाड़ फेंकने के लिए लड़ते रहे. वे यशपाल व भगत सिंह जैसे क्रांतिकारी के साथी थे. जिन्होंने झूठा-सच नामक उपन्यास की रचना की. उन्होंने कहा कि भारतरत्न डॉ राजेंद्र प्रसाद देश के प्रथम राष्ट्रपति के पद पर सुशोभित किया. वे संविधान 66 अध्यक्ष थे. वे बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि के छात्र रहे हैं और हिन्दी, उर्दू ,फारसी , संस्कृत, अंग्रेजी व बंगला भाषाओं के विद्वान थे. कहा कि हांकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद हाॅकी के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में उनकी गिनती की जाती है. उन्होंने तीन बार ओलंपिक में स्वर्ण पदक दिलाने वाले पहले भारतीय थे.
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