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फोटो कैप्शन -1. मुंगेर विश्वविद्यालयप्रतिनिधि, मुंगेर
मुंगेर विश्वविद्यालय की स्थापना के छह साल हो चुके हैं, लेकिन अबतक एमयू के 17 अंगीभूत व 15 संबद्ध कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को विश्वविद्यालय के सक्षम प्राधिकार में अपना प्रतिनिधि नहीं मिल पाया है. हालांकि एमयू में दो बार छात्र-छात्राओं के प्रतिनिधि को चुनने लिए छात्र संघ चुनाव की घोषणा की, लेकिन हर बार चुनाव को आखिरी समय में स्थगित कर दिया गया.दो बार बजा छात्र संघ चुनाव का शंख, नहीं हो पाया चुनाव
वर्ष 2024 में दो बार छात्र संघ चुनाव के लिए बिगुल बजा, लेकिन दोनों ही बार चुनाव नहीं हो पाया. अप्रैल 2024 में विश्वविद्यालय ने पहली बार छात्र संघ चुनाव को लेकर अधिसूचना जारी की. इसमें मतदाता सूची प्रकाशन सहित सभी आवश्यक तिथियों की अधिसूचना जारी हो गयी. हालांकि मई में हुए लोक सभा चुनाव के कारण विश्वविद्यालय द्वारा छात्र संघ चुनाव को अगले आदेश तक के लिए स्थगित कर दिया गया. वहीं जुलाई में ग्रीष्मावकाश के बाद विश्वविद्यालय द्वारा दोबारा छात्र संघ चुनाव के लिए अधिसूचना जारी की गयी. इसमें विश्वविद्यालय द्वारा मतदाता सूची का प्रकाशन कर दिया गया. इसके साथ ही चुनाव को लेकर सभी तैयारी तक पूरी कर ली गयी, लेकिन बाद में छात्र संघों के दबाव में विश्वविद्यालय ने चुनाव को स्थगित कर दिया. इसके बाद से अबतक एमयू में दोबार छात्र संघ चुनाव का बिगुल नहीं बज पाया है.चुनाव को लेकर खुद पीछे हटे छात्र संघ
छात्र संघ चुनाव नहीं हो पाने के लिये विश्वविद्यालय से अधिक खुद छात्र संघ जिम्मेदार हैं. जुलाई में जारी छात्र संघ चुनाव अधिसूचना के बाद कई छात्र संघ खुद विश्वविद्यालय पर चुनाव नहीं कराने का दबाव डालने लगे. इसमें कई छात्र संघों द्वारा पीजी तथा स्नातक के नये सत्रों में नामांकन के बाद चुनाव कराने को लेकर आवेदन दिया गया. हालांकि इससे अलग कई छात्र संघ चुनाव के दौरान एमयू के 17 कॉलेजों में अपने लिए उम्मीदवार तक नहीं ढूंढ़ पाये थे. इसके बाद विश्वविद्यालय द्वारा चुनाव को स्थगित कर दिया गया और विश्वविद्यालय के विद्यार्थी अपने लिए प्रतिनिधि चुनने से वंचित रह गये.———————————————————-
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छात्र-छात्राओं की समस्याओं को नहीं मिल पा रही आवाज
मुंगेर. एमयू में छह साल बाद भी छात्र संघ चुनाव नहीं होने और विद्यार्थियों को अपना प्रतिनिधि नहीं मिल पाने के कारण उनकी समस्याओं को आवाज नहीं मिल पा रही है. इसके कारण ही अब विद्यार्थी भी अपनी समस्याओं को लेकर खुद ही विश्वविद्यालय व कॉलेजों का चक्कर काट रहे हैं. वहीं मजबूत स्तर पर विद्यार्थियों का प्रतिनिधित्व नहीं होने के कारण जहां एमयू के विद्यार्थी लंबे समय से विश्वविद्यालय के पोर्टल पर अपनी शैक्षणिक प्रक्रियाओं के दौरान आवश्यकता से अधिक शुल्क भर रहे हैं. इसे लेकर विश्वविद्यालय के साथ खुद एमयू के कई छात्र संघ पूरी तरह मौन बने हैं.
कहते हैं डीएसडब्ल्यू
डीएसडब्ल्यू प्रो भवेशचंद्र पांडेय ने बताया कि विश्वविद्यालय ने छात्र संघ चुनाव को लेकर सभी तैयारी कर ली थी, हालांकि खुद छात्र संघों द्वारा चुनाव स्थगित करने को लेकर आवेदन दिया गया था. इसके कारण चुनाव को स्थगित किया गया. वहीं राजभवन से चुनाव को लेकर स्वीकृति मिलने के बाद ही अब छात्र संघ चुनाव कराया जायेगा.
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