चतरा़ कृषि विज्ञान केंद्र में गुरुवार को विश्व मृदा दिवस मनाया गया. उद्घाटन देवरिया मुखिया कृष्णा कुमार दुबे ने किया. इस दौरान 50 किसानों के बीच मृदा स्वास्थ्य कार्ड का वितरण किया गया. मौके पर अनुमंडल कृषि पदाधिकारी निखत परवीन ने कहा कि तीन से चार साल के अंतराल पर खेतों की मिट्टी की जांच जरूरी है. किसानों को उपज बढ़ाने के साथ-साथ मिट्टी की स्वास्थ्य जांच करानी भी जरूरी है, ताकि मिट्टी से निरंतर अच्छी उपज ले सके. मुखिया ने कहा कि मृदा का स्वास्थ्य दिन-प्रतिदिन गिरता जा रहा है, जिसका मुख्य कारण असंतुलित उर्वरक का प्रयोग, मिट्टी में उपलब्ध अव्यव व सूक्ष्म तत्वों की कमी होना हैं. उप परियोजना निदेशक राजेश कुमार सिंह ने कहा कि मां का लगाव जिस तरह अपनी औलाद से होता है, उसी तरह किसान मिट्टी से लगाव रखे. मिट्टी का कोई विकल्प नहीं हैं. हरित क्रांति के लिए मिट्टी का जांच एक महत्वपूर्ण कार्य हैं. चतरा में स्थापित मृदा जांच प्रयोगशाला में चतरा जिला के अलावा कोडरमा, हजारीबाग, गुमला, लोहरदगा, डालटेनगंज, सिमडेगा, पूर्व सिंहभूमत, जामताड़ा, बोकारो व धनबाद की भी मिट्टी जांच की जाती हैं. इस अवसर पर अभिजीत घोष के अलावा कई उपस्थित थे.
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