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जमीन उपलब्ध नहीं होने के कारण खेल मैदानों के निर्माण में बाधा

सरकार की मनरेगा योजना से अब ग्रामीण क्षेत्रों में बनाये जाने वाले खेल मैदानों के निर्माण में जमीन नहीं उपलब्ध होने के कारण बाधा पहुंच रही है.

भभुआ. सरकार की मनरेगा योजना से अब ग्रामीण क्षेत्रों में बनाये जाने वाले खेल मैदानों के निर्माण में जमीन नहीं उपलब्ध होने के कारण बाधा पहुंच रही है. फिलहाल जिले की 15 पंचायतों में खेल मैदान बनाने का काम आरंभ करा दिया गया है. गौरतलब है कि ग्रामीण क्षेत्रों में खेलों के विकास को लेकर सरकार स्तर से मनरेगा योजना के तहत खेल मैदानों का निर्माण कराया जाना है. लेकिन, खेल मैदानों के निमार्ण में जमीन की बाधा कई जगहों पर आड़े आ रही है. कई पंचायतों में सरकारी विद्यालयों में भी पर्याप्त जमीन उपलब्ध नहीं है. उदाहरण के लिए चांद प्रखंड की ग्राम पंचायत भरारी कला, कुड्डी, सौखरा, शिवरामपुर, बिउरी, दुलही के किसी भी सरकारी विद्यालयों के परिसर में विभागीय मानक के अनुरूप खेल निर्माण कराने के लिए भूमि उपलब्ध नहीं है. इस संबंध में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी मनरेगा संजय कुमार ने बताया कि जिले के भभुआ प्रखंड की डुमरैठ और मोकरी, भगवानपुर प्रखंड की टोडी, चैनपुर प्रखंड की सिरबिट और सिंकदरपुर, दुर्गावती प्रखंड की जेवरी, कुदरा प्रखंड की पचपोखरी, मोहनिया प्रखंड की अकोढी मेला, नुआंव प्रखंड की अखनी, रामगढ़ प्रखंड की बंदीपुर और सिझुआ, चांद प्रखंड की चौरी, सिरिहिरा और चांद तथा रामपुर प्रखंड की पसाई पंचायत में अभी खेल मैदानों के लिए भूमि उपलब्ध नहीं हो सकी है. अंचलाधिकारी से समन्वय बनाकर भूमि उपलब्ध कराये जाने का प्रयास किया जा रहा है. = 166 चिह्नित में 90 खेल मैदानों का निर्माण काम शुरू मनरेगा से बनाये जाने वाले विभिन्न पंचायतों में चिह्नित किये गये 166 खेल मैदानों में से 90 खेल मैदानों का काम आरंभ करा दिया गया. जिला कार्यक्रम पदाधिकारी मनरेगा ने बताया कि खेल मैदानों के बोर्ड तैयार कराये जा रहे हैं और इन खेल मैदानों पर निर्माण सामग्री पहुंचायी जा रही है. जानकारी के अनुसार, ये खेल मैदान चार तरह के रकबा में बनाये जा रहे हैं. प्रथम श्रेणी में एक एकड़ से कम जमीन वाले खेल मैदान, दूसरे श्रेणी में एक एकड़ से अधिक वाले खेल मैदान, तीसरे श्रेणी में एक से डेढ़ एकड़ तक के खेल मैदान तथा चौथे श्रेणी में चार से पांच एकड़ तक के बड़े खेल मैदानों का निर्माण कराना है. जिला कार्यक्रम पदाधिकारी के अनुसार इन खेल मैदानों पर कम से कम न्यूनतम खेल सुविधा के रूप में बैडमिंटन कोर्ट, बास्केट बाल कोर्ट, बॉलीवाॅल कोर्ट सहित रनिंग ट्रैक की सुविधा उपलब्ध करायी जानी है.

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