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साइबर अपराध का खतरा

Cyber Crime : इंडियन साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर (आइ4सी) के आंकड़ों के अनुसार, इस साल सितंबर तक साइबर धोखाधड़ी से देश को 11,333 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. इस दौरान स्टॉक ट्रेडिंग घोटालों में सर्वाधिक 2,28, 094 शिकायतें आयीं और 4,636 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.

Cyber Crime : देश में साइबर अपराध किस तरह पैर पसार चुका है, इसका पता गृह मंत्रालय से जुड़ी एजेंसी सिटिजन फाइनेंशियल साइबर फ्रॉड रिपोर्टिंग एंड मैनेजमेंट सिस्टम (सीएफसीएफआरएमएस) के खुलासे से चलता है, जिसके मुताबिक, नवंबर तक साइबर धोखाधड़ी की 12 लाख शिकायतें आयीं, जिनमें से 45 प्रतिशत मामलों को कंबोडिया, म्यांमार और लाओस से अंजाम दिया गया. वर्ष 2021 में गठित सीएफसीएफआरएमएस ने साइबर धोखाधड़ी के 30.05 लाख मामलों का खुलासा किया है, जिनमें 27,914 करोड़ का नुकसान हुआ. इसके मुताबिक, 2021 में साइबर धोखाधड़ी की 1,35,242, 2022 में 5,14,741 और 2023 में 11,31,221 शिकायतें आयीं.

ऐसे ही, इंडियन साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर (आइ4सी) के आंकड़ों के अनुसार, इस साल सितंबर तक साइबर धोखाधड़ी से देश को 11,333 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. इस दौरान स्टॉक ट्रेडिंग घोटालों में सर्वाधिक 2,28, 094 शिकायतें आयीं और 4,636 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. निवेश से जुड़े मामलों में 1,00,360 शिकायतें आयीं और 3,216 करोड़ का घोटाला हुआ, डिजिटल अरेस्ट की 63,481 शिकायतें मिलीं और 1,616 करोड़ का नुकसान हुआ. डिजिटल अरेस्ट के जरिये अकेले इस साल की पहली तिमाही में 120.3 करोड़ रुपये की क्षति हुई.

साइबर हमलों में ऑनलाइन फ्रॉड और सेक्टार्शन जैसी चीजें ही शामिल नहीं हैं. इनमें डाटा चोरी, रैनसमवेयर, ऑनलाइन हेट क्राइम, साइबर बुलिंग, अवैध सट्टेबाजी एप, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं पर साइबर अटैक आदि शामिल हैं, जिनका इस्तेमाल देश की अर्थव्यवस्था व आंतरिक सुरक्षा को कमजोर करने के लिए किया जा सकता है. साइबर अपराधों के खिलाफ देश में अलग से कानून नहीं है और आइटी एक्ट में संशोधन के तहत 2022 में लाये गये प्रावधानों के जरिये इन्हें रोकने की कोशिश हो रही है. साइबर अपराधों के विरुद्ध केंद्र ने साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर (आइ4सी) और नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल का गठन किया है.

हाल ही में आतंकवाद-विरोधी एक कॉन्फ्रेंस में आइ4सी ने साइबर धोखाधड़ी मामलों की जांच में चुनौतियों का जिक्र किया. दूरसंचार मंत्रालय के सहयोग से उसने दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों से संचालित होने वाले 17,000 संदिग्ध व्हाट्सएप अकाउंट बंद भी किये हैं. विगत अगस्त में संसद सत्र के दौरान गृह मंत्रालय ने कहा था कि अन्य अपराधों की तरह साइबर अपराध रोकना भी राज्य की जिम्मेदारी है. सच यह है कि साइबर अपराध रोकने के लिए अलग-अलग क्षेत्रों से संबंधित कानून बनाने के साथ केंद्रीय स्तर पर साइबर आर्मी और राज्यों में साइबर पुलिस का गठन समय की मांग है.

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