नेशनल फोरम ऑफ केवीके व आइसीआरपी की अपील पर एकदिवसीय हड़ताल व विरोध प्रदर्शन में केवीके कर्मी डटे रहे. जानकारी देते हुए प्रधान वैज्ञानिक डॉ पंकज सेठ ने बताया कि अपनी मांगों को लेकर पूरे देश में विरोध प्रदर्शन व कलमबंद हड़ताल किया जा रहा है. बताया कि प्रशासनिक नियंत्रण के तहत केवीके के केवल नौ प्रतिशत कर्मचारियों को सभी सुविधाएं मिल रही हैं. जबकि देश के 11 जोन व 731 केवीके सुविधाओं से वंचित हैं. बताया कि झारखंड के सभी 21 केंद्रों में भी सुविधाओं का अभाव है.
जानिए क्या हैं प्रमुख मांगें
देशभर में केवीके के सभी कर्मचारियों के लिए वेतन में समानता लाना, एनपीएस सहित एक समान सेवानिवृति उपरांत लाभ को लागू करना, आरएस परौदा उच्चाधिकार प्राप्त समिति की सिफारिशों के अनुसार केवीके में समान सेवा शर्तों को लागू करना, एसएमएस को वैज्ञानिक सहायक प्रोफेस के रूप में समान रूप से पुनः नामित करना और आरएस परोदा उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों के अनुसार कर्मचारी और स्टाॅफ के पदों का पुनर्गठन की मांग शामिल है. मौके पर वैज्ञानिक मधुकर कुमार, मनोज कुमार, युगल भारती, नीरो महतो सहित कई अन्य कर्मी मौजूद थे.
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