– झारखंड में झामुमो के टिकट पर सर्वाधिक वोटों से जीतने वाले चाईबासा विधायक दीपक बिरुवा पर मुख्यमंत्री ने फिर विश्वास जताया
सुनील कुमार सिन्हा, चाईबासाझारखंड में झामुमो के टिकट पर सर्वाधिक वोटों से जीतने वाले चाईबासा के विधायक दीपक बिरुवा पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक बार फिर विश्वास जताया. उन्हें दूसरी बार कैबिनेट मंत्री बनाया गया है. इससे चाईबासा समेत पैतृक गांव में उत्सव सा माहौल है. दीपक बिरुवा लगातार चौथी बार चाईबासा से विधायक चुने गये हैं. मंत्री पद की शपथ लेने के बाद श्री बिरुवा ने कहा कि इस बार अधूरे कार्यों (जिसे अबतक नहीं कर पाये थे) को पूरा करेंगे. प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जायेगा. चुनाव में जनता का अपार समर्थन मिला है. वह जनता की आकांक्षा पर खरा उतरने की कोशिश करेंगे. उन्होंने कहा कि जो कई आवश्यक चीजें नहीं हो पायी हैं, उसे जल्द पूर्ण करने की कोशिश होगी.
आजसू से शुरू की राजनीति, पहले तीन चुनाव में मिली हार
दीपक बिरुवा ने अपनी राजनीति की शुरुआत आजसू के आंदोलन से 1980 के दशक में की. वे आजसू के केंद्रीय उपाध्यक्ष बने थे. आजसू समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में 1990 में पहली बार नाव छाप से चुनाव लड़े. वहीं, 1995 में उगता सूरज छाप से चुनाव लडे. 2005 में किताब छाप से चुनाव लड़े, लेकिन सफलता नहीं मिली. इसके बाद 2009 में पहली बार जीत हासिल की. इसके बाद 2014 में चुनाव जीते. वर्ष 2019 में चुनाव जीतने के बाद अनुसूचित जाति- जन जाति कल्याण एवं परिवहन मंत्री बने. वर्ष 2024 में चौथी बार जीत दर्ज करायी.आंदोलन करते हुए स्नातक व एमए की पढ़ाई की
मंत्री दीपक बिरुवा का जीवन बहुत संघर्ष पूर्ण रहा रहा है. एक आंदोलनकारी के रूप में राजनीतिक जीवन की शुरुआत की. अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव के सरकारी स्कूल सिंदरीगौरी से की. उसके बाद डुमरिया के ठक्करबापा हाई स्कूल से मैट्रिक की पढ़ाई पूरी की. रांची कॉलेज से इंटर करते हुए आजसू आंदोलन में कूद गए. सूर्य सिंह बेसरा के साथ आजसू आंदोलन से शुरू किया. उन्होंने आंदोलन करते हुए ग्रेजुएशन और एमए तक पढ़ाई टाटा कॉलेज से की. वे करीब 25 साल तक आजसू में रहकर आंदोलन करते रहे. इसी बीच उनकी दोस्ती आजसू से जुड़े झींकपानी प्रखंड के कुइड़ा निवासी सोनाराम बिरुवा (अब स्वर्गीय) से हुई.
————————बड़े भाई की शादी में नहीं पहुंच सके थे
जब आजसू आंदोलन चरम पर था, उन्हें पुलिस सरगर्मी से तलाश कर रही थी. आंदोलन के क्रम में ओडिशा के मयूरभंज जिला के तिरिंग गेट पास पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. उन्हें करीब 10-15 दिनों तक बारीपदा जेल में रहना पड़ा था. वे अपने बड़े भाई ज्योतिन बिरुवा की शादी में नहीं पहुंच सके थे.————————-
शपथ ग्रहण समारोह बड़े भाई रहे मौजूद
उनके बडे भाई ज्योतिन बिरुवा बड़पीठ क्षेत्र के मानकी हैं. मंत्री पद के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए उनके बड़े भाई भी रांची गये थे. वहीं, चाईबासा और हाटगम्हरिया से समर्थक रांची गये थे.———————————–बड़े भाई ने सब्जी बेचकर पढ़ाया
बड़े भाई ज्योतिन बिरुवा ने जगन्नाथपुर के रस्सेल हाई स्कूल से मैट्रिक पास किया. रांची कॉलेज से आइएससी की पढ़ाई की. पिता का वेतन कम रहने के कारण ज्योतिन बिरुवा को अपने भाई- बहनों की पढ़ाई में आर्थिक मदद के लिए सब्जी की खेती कर बिक्री करनी पड़ी. उस समय उनके शिक्षक पिता को वेतन के रूप में मात्र 4000 रुपये मिलते थे.जाति प्रमाण पत्र नहीं बनने से एनडीए में दाखिला नहीं हो सका
दीपक बिरुवा ने रांची में नेशनल डिफेंस अकादमी की परीक्षा पास कर ली थी. जाति प्रमाण प्रमाण नहीं बन पाने के कारण एडमिशन नहीं हो सका था. उस समय देवेंद्र नाथ चांपिया बिहार विधानसभा के स्पीकर हुआ करते थे.विद्यार्थी जीवन में रहे चुके हैं फुटबॉलर
मंत्री दीपक बिरुवा विद्यार्थी जीवन में एक अच्छा फुटबॉलर रह चुके हैं. वे हमेशा खेल के मैदान में सेंटर व राइट आउट से खेला करते थे. एक दिन बाइक से चाईबासा जाते समय हाटगम्हरिया के तालाबुरु रेलवे गेट के पास दुर्घटना में घुटने में चोट लग गयी. इसके कारण उन्हें फुटबाॅल छोड़ना पड़ा.————चंपाई सोरेन के सुझाव पर झामुमो में शामिल हुए थे
मंत्री दीपक बिरुवा को तीन बार निर्दलीय के रूप में हार का सामना करना पड़ा. उन्होंने कभी हार नहीं मानी. चाईबासा के गांवों में समाज और संगठन को मजबूत करने लगे. इस बीच उनकी मुलाकात चंपाई सोरेन से हुई. मुलाकात के क्रम में चंपाई सोरेन ने श्री बिरुवा को झामुमो में शामिल होने की सलाह दी. इसके बाद वे झामुमो शामिल हो गये. वर्ष 2009 के विधानसभा चुनाव में पहली बार त्रिकोणीय मुकाबला में जीत दर्ज की. उन्होंने कांग्रेस के बागुन सुंबरूई व भाजपा प्रत्याशी मनोज लेयांगी को हराया था.
दीपक बिरुवा का परिचय
ग्राम : सिंदरीगौरी, हाटगम्हरियाउम्र : 56 वर्षप्रारंभिक शिक्षा, ठक्करबापा स्कूल, डुमरिया, पश्चिमी सिंहभूमशैक्षणिक योग्यता : बीएससी, जेवियर कॉलेज, रांची———————-पारिवारिक स्थिति
पिता : स्वर्गीय महेंद्र बिरुवापेशा : शिक्षक (ठक्कर बापा स्कूल, डुमरिया)माता : नीतिमा बिरुवापत्नी : बबीता बिरुवा
बेटी : प्रदिप्ता बिरुवाबेटी : छोटी बेटी (1 वर्ष नामाकरण नहीं हुआ है)—————–
बड़ा भाई ज्योतिन बिरुवा : मानकी
भाई प्रकाश बिरुवा : एकाउंट ऑफिसर, एजी, ओडिशा
भाई मार्शल बिरुवा : पीएमओ ऑफिस में कार्यरतबहन किरण बिरुवा व रोशनी बिरुवा (विवाहित)———————डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है