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सम्राट हत्याकांड में एसआइ व सीआइएसएफ जवान को खेज रही मुंगेर पुलिस

शराब पीने के दौरान दीपक पर हाथ उठाना सम्राट को पड़ गया भारी, पीट-पीट कर कर दी हत्या

मुंगेर. 29 सितंबर 2024 की सुबह कासिम बाजार थाना क्षेत्र के हसनगंज में एक मकान के पीछे एक युवक का शव पुलिस ने बरामद किया. मृतक की पहचान हेरूदियारा निवासी होमगार्ड जवान अंबिका प्रसाद यादव के 22 वर्षीय पुत्र सम्राट यादव उर्फ राजा के रूप में हुई. उसकी 28 सितंबर 2024 की रात पीट-पीट कर हत्या कर शव को छत से मकान के पीछे फेंक दिया. ताकि ऐसा प्रतीत हो कि छत से गिरने के कारण उसकी मौत हुई है. लेकिन मुंगेर पुलिस ने इस कांड का उद्भेदन करते हुए तीन अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया, जिसने सम्राट हत्याकांड पर पर्दा उठाते हुए इसमें एसआइ संजय यादव एवं सीआइएसएफ जवान दीपक की भूमिका को रेखांकित कर मुंगेर पुलिस को सकते में डाल दिया.

शराब पीने के दौरान विवाद में कर दी हत्या

सम्राट हत्याकांड में गिरफ्तार कासिम बाजार थाना क्षेत्र के हेरूदियारा निवासी चंदन कमार, शिवशंकर पंडित एवं बरियारपुर थाना क्षेत्र के घोरघट निवासी बादल कुमार यादव ने सम्राट हत्याकांड पर से पर्दा उठा दिया. उनलोगों ने बताया जाता है कि जिस मकान के पीछे सम्राट का शव मिला. उस मकान में दो दिनों से सम्राट व अन्य शराब पार्टी मना रहे थे. 28 सितंबर की रात शराब पीने के दौरान किसी बात को लेकर सीआईएसएफ जवान हेरूदियारा निवासी दीपक कुमार से विवाद हुआ. सम्राट ने दीपक पर हाथ चला दिया. जिससे आक्रोशित दीपक ने सम्राट को पीट-पीट कर मार डाला. दीपक कुमार झारखंड के धनबाद जिले में तैनात है. जो घटना के बाद से फरार है. जिसकी गिरफ्तारी के लिए मुंगेर पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है.

एसआइ संजय यादव की गिरफ्तारी के लिए पुलिस कर रही छापेमारी

सम्राट हत्याकांड में गिरफ्तार अपराधियों ने बताया कि शराब पार्टी कासिम बाजार थाना में तैनात एसआइ संजय यादव भी शामिल था. उसकी मौजूदगी में सम्राट की पीट-पीट कर हत्या की गयी. जबकि हत्या को दुर्घटना में बदलने के लिए हम सभी ने एसआइ के कहने पर शव को छत से नीचे फेंक दिया था. पूरे घटनाक्रम के दौरान एसआइ मौजूद रहा. शव फेंकने के बाद हमलोग वहां से निकल गये. विदित हो कि 29 सितंबर को सम्राट के पिता ने कहा था कि उसके मृतक बेटे का मोबाइल भी एसआइ के पास था. लेकिन उन्होंने जो प्राथमिकी दर्ज करायी थी उसमें उनका नाम नहीं दिया था. जिसके कारण वह खुद को सुरक्षित महसूस करने लगा था. लेकन इन तीनों की गिरफ्तारी की जैसे ही एसआइ को भनक लगी वह थाना छोड़ कर चला गया. एसपी ने बताया कि घटना के समय मौजूद रहने, उनके सामने घटना होना और साक्ष्य छिपाने में एसआइ की संलिप्ता मिली है. जिसकी गिरफ्तारी का आदेश दिया गया है. तत्काल प्रभाव से उसे निलंबित करते हुए उसके वेतन पर रोक लगा दी गयी है. जबकि विभागीय कार्रवाई के लिए अनुशंसा किया गया है.

मां ने करा रखी है दो लोगों के खिलाफ प्राथमिकी

मृतक की मां फूल देवी ने सम्राट उर्फ राजा की हत्या मामले में कासिम बाजार थाना में प्राथमिकी दर्ज करा रखी है. इसमें उसने हेरूदियारा निवासी दिलीप यादव और बादशाह यादव को नामजद अभियुक्त बनाया है. जिसमें उसने नामजद अभियुक्तों पर पुल के नीचे मिट्टी काटने के विवाद में पुत्र के हत्या करने का आरोप लगाया.हालांकि इस घटना में अब तक दोनों की गिरफ्तारी नहीं हो पायी है. एफएसएल की जांच और तकनीकी अनुसंधान में दोनों नामजद के विरुद्ध कोई साक्ष्य नहीं मिला. लेकिन पुलिस अब भी इस मामले की जांच कर रही है.

मॉक ड्रील कर एवं पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने खोला राज

एसपी ने बताया कि मामले के उद्भेदन के लिए सदर एसडीपीओ राजेश कुमार के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया था. वैज्ञानिक अनुसंधान के दौरान एफएसएल की टीम ने छत के ऊपर से डमी गिराकर दो बार जांच की. जांच में यह स्पष्ट हो गया कि छत से गिरने से सम्राट की मौत नहीं हुई है. इतना ही नहीं पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी सामने आया है कि उसकी पीट-पीट कर हत्या की गयी है. जिसके बाद पुलिस ने नामजदों की गिरफ्तारी छोड़ कर सम्राट हत्याकांड में शामिल अपराधियों का शिनाख्त करने में जुट गयी. पुलिस ने इस मामले में तीन अपराधियों को शिनाख्त कर गिरफ्तार किया. जिसने सम्राट हत्याकांड से पूरी तरह से पर्दा हटा दिया.

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