संवाददाता, पटना राज्य में विभिन्न परियोजनाओं के लिए भू-अर्जन वाली जमीनों के दस्तावेज अपडेट नहीं हो रहे हैं. इस कारण मुआवजा भुगतान में समस्या हो रही है और विवाद पैदा हो रहे हैं. साथ ही मुकदमों की संख्या बढ़ रही है. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने ऐसी जमीनों के कागजात प्राथमिकता के आधार पर अपडेट करने का संबंधित अधिकारियों को सख्त निर्देश दिया है. यह प्रक्रिया सरकारी जमीन के मामलों में भी लागू होगी. कई केंद्रीय और राजकीय परियोजनाओं में जमीन अधिग्रहण के दस्तावेज अपडेट नहीं होने पर अधिघोषणा होने पर वास्तविक रैयत की जगह खतियान में अंकित रैयत का नाम रहता है. इस कारण मुआवजा भुगतान में विवाद होने पर सक्षम न्यायालय में मामला चला जाता है. इस पूरे प्रकरण पर महालेखाकार के ऑडिट दल ने भी जमीन के दस्तावेजों के अपडेट नहीं रहने पर आपत्ति जतायी है. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने सभी समाहर्ताओं को पत्र लिखकर जमीन के दस्तावेज अपडेट करने के संबंध कुछ प्राथमिकताएं तय की हैं.
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