Solar Eclipse : इसरो ने पीएसएलवी-सी59 रॉकेट के जरिए यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) के प्रोबा-3 मिशन को सफलतापूर्वक लॉच किया है. इसकी वजह से अंतरिक्ष में कृत्रिम सूर्य ग्रहण का नजारा दिखेगा. सेटेलाइट सूर्य की रोशनी को रोक देगी. पृथ्वी पर सूर्य ग्रहण औसतन प्रत्येक 18 महीने में होता है. यह कुछ ही मिनट तक रहता है. ऐसे में सौर वैज्ञनिक को रिसर्च करने के लिए पूरी दुनिया का चक्कर लगाना पड़ता है. प्रोबा-3 में ऑन डिमांड सूर्य ग्रहण लगाने की क्षमता होगी.
सूर्य की फायरी डिस्क को ब्लॉक करके, प्रोबा-3 का ‘ऑकुल्टर’ अंतरिक्ष यान एक पूर्ण सूर्य ग्रहण की तरह नजारा बना देगा. इससे सूर्य के धुंधले आस-पास के वातावरण या ‘कोरोना’ की स्टडी आसानी से की जा सकेगी. वैज्ञानिक सूर्य के बाहरी, अत्यधिक गर्म गैसीय वातावरण की स्टडी करेंगे. सामान्यतः, सूर्य ग्रहण की स्थिति में ही वैज्ञानिक इस वातावरण की स्टडी करने में सक्षम होते हैं. इस दौरान, मौसम की अनिश्चितताओं जैसे बारिश का सामना भी करना पड़ता है, जिससे अक्सर परेशानी आती है.
आदित्य एल-1 के बाद प्रोबा-3 देगा सूर्य की जानकारी
प्रोबा-3 के पहले आदित्य एल-1 को सितंबर 2023 में प्रक्षेपित किया गया था. इसने सूर्य की जानकारी उपलब्ध करवाई. प्रोबा-3 सूर्य के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी देगा.
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कोरोना सूर्य से भी ज्यादा गर्म
ऑकुल्टर में 1.4 मीटर की ऑक्ल्टरिंग है. यह सूर्य के प्रकाश को रोकने के लिए बनाई गई है. यह 150 मीटर की दूरी पर लगभग 8 सेमी चौड़ी छाया बनाती है. जिससे कोरोनाग्राफ को वैज्ञानिक अवलोकन के लिए सूर्य के कोरोना या आसपास के वातावरण की स्टडी की जा सके. यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि कोरोना सूर्य से भी ज्यादा गर्म है.
मिशन सफल रहा: इसरो
लॉचिंग के बाद इसरो ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया. इसमें उसने कहा, ‘‘मिशन सफल रहा. इसके बाद अंतरिक्ष एजेंसी को बधाई देने वालों का तांता लग गया.