Ashtalakshmi Mahotsav: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को दिल्ली के भारत मंडपम में तीन दिवसीय अष्टलक्ष्मी महोत्सव का उद्घाटन किया. महोत्सव को लेकर पीएम मोदी ने सोशल मीडिया एक्स अपने एक पोस्ट में लिखा कि अष्टलक्ष्मी महोत्सव पूर्वोत्तर के राज्यों की जीवंत संस्कृति का प्रतीक है. वहीं उद्घाटन समारोह में पीएम मोदी ने कहा कि ये पहला और अनोखा आयोजन है, जब इतने बड़े स्तर पर नॉर्थ ईस्ट में निवेश के द्वार खुल रहे हैं. उन्होंने कहा कि ये नॉर्थ ईस्ट के किसानों, कारीगरों और शिल्पकारों के साथ-साथ दुनियाभर के निवेशकों के लिए भी बेहतरीन अवसर है.
पूर्वी भारत का है यह समय- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने मंच से कहा कि 21वीं सदी ईस्ट की है, एशिया की है, भारत की है. उन्होंने कहा कि उनका दृढ़ विश्वास है कि भारत में भी आने वाला समय पूर्वी भारत का है, हमारे पूर्वोत्तर भारत का है. बीते दशकों में हमने बैंगलोर, मुंबई, हैदराबाद, अहमदाबाद, दिल्ली, चेन्नई जैसे बड़े शहरों को उभरते देखा है. आने वाले दशकों में हम अगरतला, गुवाहाटी, गंगटोक, आइजोल, शिलांग, ईटानगर, कोहिमा जैसे शहरों का नया सामर्थ्य देखने वाले हैं. इसमें अष्टलक्ष्मी जैसे आयोजनों की बहुत बड़ी भूमिका होगी.
क्या है अष्टलक्ष्मी महोत्सव
पूर्वोत्तर के आठ राज्य क्रमशः असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मणिपुर, नागालैंड, मिजोरम, त्रिपुरा और सिक्किम को अष्टलक्ष्मी कहा जाता है. यह सभी राज्य भारत के सांस्कृतिक, सामाजिक और आर्थिक उत्थान में बड़ी भूमिका निभाते हैं. अष्टलक्ष्मी महोत्सव के आयोजन का मकसद है इन क्षेत्रों की सांस्कृतिक धरोहरों को दुनिया के सामने लाना. साथ ही विकास के लिए निवेश को आमंत्रित करना.
अष्टलक्ष्मी महोत्सव पूर्वोत्तर भारत के कपड़ा क्षेत्र, पर्यटन के अवसरों, पारंपरिक शिल्प को एक मंच प्रदान करने वाला है. पीएम मोदी ने कहा है कि नॉर्थ ईस्ट को हम, emotion, economy और ecology इस त्रिवेणी से जोड़ रहे हैं. नॉर्थ ईस्ट में हम सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं बना रहे, बल्कि भविष्य की एक सशक्त नींव तैयार कर रहे हैं.