कुंदा. विधायक जनार्दन पासवान शुक्रवार को कहकहिया गांव पहुंचे. यहां उन्होंने पीड़ित परिवार से मुलाकात कर हाल-चाल जाना. मालूम हो कि तीन दिसंबर को वन विभाग द्वारा जेसीबी से नौ घरों को ध्वस्त किया गया. विधायक ने टूटे घरों व बर्बाद फसल को घूम-घूमकर जायजा लिया. पीड़ित परिवारों से मामले की जानकारी ली. साथ ही भूमि से संबंधित खतियान, रसीद सहित अन्य दस्तावेज देखा. मौके पर विधायक ने कहा कि गरीबों के साथ किसी भी तरह का अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. बिना नोटिस दिये अतिक्रमण हटाने का नियम नहीं है. इस मामले को विधानसभा में उठायेंगे. उन्होंने कहा कि उत्तरी डीएफओ का मनमानी नहीं चलने दूंगा. अतिक्रमण हटाने की जानकारी डीएफओ से लिया था तो साफ शब्दों में हमसे झूठ बोला कि ऐसा कोई बात नहीं हैं. दूसरे दिन गांव में बुलडोजर चला कर सभी घरों को तोड़ कर लोगों को बेघर कर दिया. उन्होंने कहा कि बिना न्यायालय के आदेश के घर को तोड़ा गया, तो मैं खुद जनता की ओर से मुकदमा लडूंगा. मामले को लेकर उपायुक्त से मिलेंगे. विधायक ने कहा कि ककहिया गांव नहीं जंगल है, तो गांव में सरकारी स्कूल, शौचालय, मोबाइल टावर, बिजली, पीएम आवास, सरकारी चापानल कैसे लगा. उन्होंने पीड़ित परिवारों को पास स्थित स्कूल में रहने की सलाह दी. बीडीओ को अनाज व अन्य सुविधा देने का निर्देश दिया.
ककहिया जंगल है जंगल ही रहने दीजिए
विधायक जब ककहिया गांव से वापस लौट रहे थे तो कुुशुंभा के टोला चट्टीघाट के कई ग्रामीण विधायक की वाहन रुकवा कर कहा कि ककहिया को जंगल हैं, जंगल ही रहने दीजिए. विधायक ग्रामीणों की समस्या सुनी. कुछ ग्रामीण जंगल को उजाड़ कर जंगल बनाना चाहते हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है