मोतिहारी.भारत-नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्र में मावन तस्कर सक्रिय हैं. कुंडवा चैनपुर के भवानीपुर गांव के इमरान को नौकरी दिलाने के नाम पर विदेशी सेठ से 25 लाख रुपये में बेच दिया गया था. इसका खुलासा तब हुआ, जब इमरान विदेश से भाग कर घर आया. उसने बताया कि मुजफ्फरपुर के कैफी नसीम से उसकी मुलाकात हुई. नसीम एक दिन भवानीपुर पहुंचा. उसने खुद को सर्वेयर बताया. उसने कहा कि वह बेरोजगार युवकों को विदेश भेजता है, जहां एक लाख प्रतिमाह मानदेय पर नौकरी दिलवाता है. इमरान उसके बहकावे में आ गया. ब्याज पर दो लाख रुपये कर्ज लेकर उसने नसीम को दिया. सात दिसंबर को मुजफ्फरपुर बुलाकर इमरान का मेडिकल चेकअप कराया. 22 सितंबर को ट्रेन पकड़ इमरान दिल्ली गया. वहां से बेंगलुरु गया, उसके बाद मालदीप पहुंचा. एयरपोर्ट पर उसे परवेज नाम का युवक मिला. परवेज उसे लेकर भिली गली आइलैंड पहुंचा. वहां ले जाकर इमरान से साफ-सफाई का काम करवाने लगा. जबकि उसे सुपरवाइजर की नौकरी के दिलाने के लिए ले जाया गया था. उसने एक महिना तक साफ-सफाई का काम करने के बाद पैसा मांगा तो परवेज ने उसे बताया कि 25 लाख रुपये देकर उसने खरीद लिया है. दो महीने तक काम करवाने के बाद एक पैसा उसे नहीं दिया गया. मालदीप पहुंचने के साथ ही ले लिया गया था पासपोर्ट इमरान ने बताया कि मालदीप पहुंचते ही परवेज ने उसका पासपोर्ट ले लिया था. इमरान को खुद के बिक जाने की जानकारी हुई तो उसने इंडियन लोगों से मुलाकात की. उन्हीं लोगों की मदद से पासपोर्ट मिला, उसके बाद एयरपोर्ट पहुंचा. मुंबई पहुंचा. इसकी जानकारी नसीम को हुई तो उसने घर आकर कहा कि यह बात किसी को नहीं बताना. तुम्हारा दो लाख रुपये एक दिसंबर तक दे देंगे. इंतजार के बाद इमरान ने वकील के माध्यम से मुजफ्फरपुर में पीआइएल दाखिल किया है.
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